
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही कमलनाथ एक्शन में हैं. उन्होंने सूबे में स्थानीय लोगों को नौकरी नहीं मिलने के लिए बाहरी लोगों को खासकर यूपी और बिहार के लोगों को जिम्मेदार ठहराया. कमलनाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश में सिर्फ उन उद्योग धंधों और कंपनियों को इंसेंटिव मिलेगा जो 70 फीसदी स्थानीय लोगों को रोजगार देंगे.
कमलनाथ ने सोमवार को राज्य के उद्योगों में 70 फीसदी रोजगार प्रदेश के युवाओं को देने के फैसले पर हस्ताक्षर किए. उन्होंने कहा, 'सूबे में बहुत सारे ऐसे उद्योग लग जाते हैं जहां अन्य प्रदेशों से लोग आ जाते हैं खासकर बिहार और उत्तर प्रदेश से. मैं उनकी आलोचना नहीं कर रहा हूं लेकिन हमारे मध्य प्रदेश के नौजवान वंचित रह जाते हैं उन्हें तभी अब इंसेंटिव का लाभ मिलेगा जब 70 फीसदी रोजगार मध्य प्रदेश के स्थानीय लोगों को देंगे.'
कमलनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों से लोग मध्य प्रदेश आते हैं. लेकिन स्थानीय लोगों को नौकरी नहीं मिल पाती है. मैंने इसी से संबंधित फाइल को मंजूरी दे दी है.
इसके अलावा उन्होंने सूबे में 4 गारमेंट पार्कों की शुरुआत का भी ऐलान किया. कमलनाथ ने कहा कि हमने स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के मकसद से यह पहला कदम उठाया है. उन इंडस्ट्रीज को ही प्रमोट किया जाएगा, जो सूबे के लोगों को रोजगार में प्राथमिकता देंगे.
मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद कमलनाथ ने राहुल गांधी की ओर से किए गए किसानों की कर्ज माफी के साथ ही रोजगार में आरक्षण के नियम की फाइल पर भी साइन कर दिए.
कमलनाथ ने कहा, 'मैंने शपथ लेने के बाद पहली फाइल किसानों के कर्ज माफी की पास की, जिसका वादा हमने चुनाव से पहले अपने वचन पत्र में किया था.' इस आदेश के साथ ही किसानों को सरकारी और सहकारी बैकों द्वारा दिया गया 2 लाख रुपए तक का अल्पकालीन फसल ऋण माफ हो जाएगा.