
मध्यप्रदेश में अब मुख्यमंत्री विवाह/निकाह योजना पर सियासत शुरू हो गई है. दरअसल, शिवराज सरकार के सामाजिक न्याय मंत्री ने कहा है कि इस योजना के तहत दी जा रही 51 हजार रुपए की राशि बहुत ज्यादा है. मंत्री के इस बयान के बाद कमलनाथ समेत पूरी कांग्रेस पार्टी शिवराज सरकार पर हमलावर हो चुकी है.
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सबसे पसंदीदा योजनाओं में से एक है 'मुख्यमंत्री कन्यादान योजना'. इस महत्वपूर्ण योजना के तहत मध्यप्रदेश के निर्धन और कमजोर परिवारों के बच्चों का सामूहिक विवाह और निकाह करवाया जाता है. पिछली शिवराज सरकार में इस योजना के तहत 28 हजार रुपए की राशि दी जाती थी लेकिन कमलनाथ सरकार ने इसमें बढ़ोतरी करते हुए राशि को 51,000 रुपए कर दिया था.
शिवराज सरकार के मंत्री प्रेम सिंह पटेल को यही 51,000 रुपए की राशि अब ज्यादा लग रही है. 'आजतक' से बात करते हुए सामाजिक न्याय मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने कहा कि '51 हजार रुपए बहुत ज्यादा होते हैं. हम जनता को गुमराह करने वाले लोग नहीं हैं. हम इस पर विचार करेंगे लेकिन शादियां नहीं रुकेंगी.'
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भले ही शिवराज के मंत्री ने मुख्यमंत्री विवाह/निकाह योजना की राशि को 51 हजार रुपए से कम करने का कोई बयान नहीं दिया है लेकिन 51 हजार रुपए की राशि को ज्यादा बताने पर कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर हमला बोला है.
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जिनके सीएम रहते सीएम विवाह/निकाह योजना में राशि को बढ़ाकर 51 हजार रुपए किया गया था, उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि 'आप खुद को मामा कहलवाते हो और आपकी सरकार भांजियों का ही अहित करने में लग गई है. कैसे मामा हो आप? प्रदेश की बेटियों के हित में लिए गए हमारी सरकार के निर्णय को हम किसी भी सूरत में बदलने नहीं देंगे. यदि आपने इस निर्णय को बदला और कन्याओं को बढ़ी हुई राशि नहीं दी तो कांग्रेस इसके विरोध में प्रदेश भर में सड़कों पर उतरेगी, हम चुप नहीं बैठेंगे.'
क्या है मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
- साल 2006 में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना शुरू की गई थी
- इसका मकसद था गरीब और जरुरतमंद को शादी के लिए आर्थिक सहायता देना
- पहले इसमे 28 हजार रुपए की राशि हितग्राहियों को दी जाती थी
- कमलनाथ सरकार ने इसे बढ़ाकर 51 हजार रुपए किया था
- इसमें कन्याओं की गृहस्थी बसाने के लिए 48 हजार रुपए दुल्हन के खाते में जमा कराए जाते हैं
- इसके अलावा सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित करने वाली संस्था या सरकारी विभाग को खर्चे के तौर पर प्रति जोड़ा 3 हजार रुपए दिए जाते हैं
- सरकार पर प्रति जोड़ा 51 हजार रुपए का खर्च आता है
नवविवाहित जोड़ों को है राशि का इंतजार
51 हजार रुपए की राशि कम होगी या नहीं ये भले ही फिलहाल बहस का विषय है लेकिन सालों से गरीब घरों के बच्चों की सामूहिक शादियां और निकाह करवाने वाली संस्था का कहना है कि राशि जब तय हो तब तय हो लेकिन कम से कम पैसा तो मिले.
जारा वेलफेयर सोसायटी चलाने वाले मुख्तार हसन का कहना है कि शादियां तो हो रही हैं लेकिन काफी समय से इसका पैसा हितग्राहियों को नहीं मिल पा रहा है. मुख्तार हसन के मुताबिक, मध्यप्रदेश में करीब 17 हजार जोड़े अभी ऐसे हैं जिनकी मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत शादी या निकाह हुआ है लेकिन इन्हें करीब डेढ़ साल से पैसा नहीं मिला है.