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मध्य प्रदेश: कमलनाथ सरकार के मंत्रियों से क्यों नाराज हैं कांग्रेस विधायक?

बीजेपी का कहना है कि पहले तो सबको लालच देकर पार्टी में रोके रखा और अब उन्हें पूछ नहीं रहे. जिससे नेता अलग-अलग खेमों में बंट रहे हैं. बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने कहा कि जिसको जो आश्वासन दिए हैं या तो आश्वासन पूरे करो, नहीं तो हर दिन का अलग नेता होगा और हम उस नेता के साथ होंगे.

मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ (फाइल फोटो) मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ (फाइल फोटो)
रवीश पाल सिंह
  • भोपाल,
  • 23 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 6:56 PM IST

मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने 15 साल बाद सत्ता में वापसी की है, लेकिन महज 2 महीनों में ही विधायकों की मंत्रियों से नाराज़गी अब खुलकर सामने आ गई है. हैरानी की बात ये है कि नाराजगी बीजेपी नहीं बल्कि सत्ताधारी कांग्रेस और निर्दलीय-बसपा विधायकों की है.

मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बने अभी 2 महीने ही हुए हैं. वहीं कमलनाथ कैबिनेट में करीब 21 नए मंत्री हैं जिन्हें मंत्रिपद का कोई अनुभव नहीं है. ऐसे में कांग्रेस और निर्दलीय-बसपा समेत कई विधायक मंत्रियों के काम करने के तरीके से नाराज हो गए हैं. कांग्रेस और बसपा के ज्यादातर विधायक मंत्रियों की अनदेखी से नाराज हैं. वह आरोप लगा रहे हैं कि मंत्री उन्हें वक़्त नहीं देते और उनके इलाके में बिना विधायकों से पूछे अधिकारियों के तबादले किए जा रहे हैं.

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विधायकों की नाराजगी है कि उनकी मर्जी के बिना अधिकारियों के ट्रांसफर किए जा रहे हैं और उनके क्षेत्र में उनसे सलाह नहीं ली जा रही है. भोपाल मध्य से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा, विधायकों को इस बात का दर्द है कि उन्हें सम्मान नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा, मंत्री जी को चाहिए कि विधायक से 5 मिनट अच्छे से बात करें और उनके क्षेत्र की समस्या को प्राथमिकता दें. वहीं बसपा के टिकट पर जीत के आईं रामबाई पथरिया ने कहा कि 'सम्मान तो क्या पूछ भी नहीं है.

निर्दलीय 'शेरा' मंत्री ना बनाए जाने से नाराज

सिर्फ मंत्रियों की अनदेखी ही नहीं बल्कि निर्दलीय विधायक इस बात से नाराज़ हैं कि उन्हें अल्पमत की कांग्रेस सरकार को समर्थन देने पर मंत्री बनाने का वादा किया गया था लेकिन अब उन्हें कोई पूछ ही नहीं रहा है. निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा ने खुलेआम अपनी नाराजगी बताते हुए कहा कि सरकार हमें साथ लेकर नहीं चल रही तो सरकार कैसे चलेगी. सरकार मान सम्मान नहीं दे रही है. दिल से प्यार करते हैं तो बदले में भी प्यार चाहिए जो नहीं मिल रहा है. यही तो जिंदगी है मैंने कमलनाथ जी को बोला है तो मुझे बोला कि आप फर्स्ट टाइमर हो मैंने उन्हें कहा यह पॉलिसी कांग्रेस की है. निर्दलीय होने पर हमने कांग्रेस को सपोर्ट किया तो आप की पॉलिसी हम पर थोड़ी लागू होगी.

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बीजेपी ने कसा तंज

मंत्रियों से उनकी ही पार्टी के विधायकों की नाराजगी पर बीजेपी ने चुटकी ली है. बीजेपी का कहना है कि पहले तो सबको लालच देकर पार्टी में रोके रखा और अब उन्हें पूछ नहीं रहे. जिससे नेता अलग-अलग खेमों में बंट रहे हैं. बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने कहा कि जिसको जो आश्वासन दिए हैं या तो आश्वासन पूरे करो, नहीं तो हर दिन का अलग नेता होगा और हम उस नेता के साथ होंगे.

मंत्रियों ने अनदेखी से किया इनकार

अपने ही विधायकों की नाराजगी और बीजेपी के हमलों के बीच कमलनाथ सरकार के मंत्रियों ने विधायकों की नाराजगी को मानने से ही इनकार किया है. उन्होंने कहा कि विधायकों की पूरी सुनवाई हो रही है. कानून मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि 'विधायकों से मुख्यमंत्री और सब मंत्री मिल रहे हैं. वहीं गृहमंत्री बाला बच्चन ने कहा कि कोई विधायक ऐसा नहीं बोलता और विधायकों ने कोई क्लब इसके लिए नहीं बनाया है. सभी विधायकों के काम हो रहे हैं नई सरकार है और नए-नए मंत्री बने हैं, लेकिन मुख्यमंत्रीके नेतृत्व में सारे काम हो रहे हैं. जो काम 15 साल के रुके हुए थे वो अब धीरे धीरे हो रहे हैं.

आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बहुमत नहीं मिला ऐसे में कांग्रेस ने निर्दलीय और बसपा-सपा के समर्थन से सरकार तो बना ली लेकिन महज़ दो महीने में विधायकों की नाराजगी लोकसभा चुनाव के दिनों में कांग्रेस के लिए परेशानी का सबब बन सकती है.

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