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दो महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में छिंदवाड़ा से चुनकर आए कांग्रेस विधायक दीपक सक्सेना ने बुधवार को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. आजतक से फोन पर बात करते हुए दीपक सक्सेना ने इस्तीफे की पुष्टि की है. हालांकि उनका इस्तीफा स्वीकार हुआ या नहीं इसकी पुष्टि विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से अभी नहीं हुई है.
कहा जा रहा है कि उन्होंने छिंदवाड़ा सीट मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए खाली की है ताकि मुख्यमंत्री छिंदवाड़ा विधानसभा सीट से उपचुनाव लड़ सकें. मुख्यमंत्री कमलनाथ फिलहाल विधायक नहीं हैं और मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के छह महीने के अंदर उन्हें विधायक बनना जरूरी है और ऐसे में सीएम बनने के बाद से ही यह सवाल उठ रहे थे कि वह विधानसभा चुनाव कहां से लड़ेंगे.
कमलनाथ अगर विधायक चुन लिए गए तो फिर उन्हें संसद की सदस्यता से भी इस्तीफा देना होगा. छिंदवाड़ा कांग्रेस की सबसे सुरक्षित सीटों में से एक मानी जाती है जहां लोकसभा और विधानसभा दोनों ही सीटों पर कांग्रेस काबिज है. कमलनाथ भी अक्सर सार्वजनिक मंच पर कई बार यह बोल चुके हैं कि इस सीट पर इंदिरा गांधी ने ही उन्हें भेजा था और यहां के लोगों से कहा था कि कमलनाथ मेरा तीसरा बेटा है.
पहले भी दिया था ऑफर
दीपक सक्सेना इससे पहले भी 30 दिसंबर को कमलनाथ के लिए छिंदवाड़ा सीट छोड़ने की बात कह चुके हैं. मुख्यमंत्री बनने के बाद जब कमलनाथ पहली बार छिंदवाड़ा गए थे, तब दीपक सक्सेना ने मंच पर से कहा था कि कमलनाथ कहें तो उनके लिए वो इस्तीफा देकर छिंदवाड़ा सीट खाली कर देंगे. सक्सेना के अलावा कमलनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री सुखदेव पांसे ने भी उनके लिए इस्तीफा देकर उनकी सीट से चुनाव लड़ने का ऑफर दिया था.
कौन होगा लोकसभा उम्मीदवार?
दीपक सक्सेना के इस्तीफा देने के बाद यह लगभग तय हो गया है कि कमलनाथ छिंदवाड़ा से ही विधानसभा का उपचुनाव लड़ेंगे, ऐसे में सवाल उठ रहा है कि लगातार छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से चुनाव जीतते आ रहे कमलनाथ के बाद उनके इस अभेद किले का वारिस कौन होगा?
कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मांग है कि छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से कमलनाथ के बाद उनके बेटे नकुलनाथ लोकसभा का चुनाव लड़ें और जिस तरह से नकुलनाथ छिंदवाड़ा के शासकीय कार्यक्रमों में शिरकत कर रहे हैं उससे इस बात की संभावना ज्यादा है कि कमलनाथ के बाद उनके बेटे नकुलनाथ ही छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ेंगे.