
ममता सरकार और डॉक्टरों के विवाद को लेकर देश के तमाम डॉक्टरों ने मोर्चा खोल दिया है. मध्य प्रदेश में भी डॉक्टर एकजुट होकर हड़ताल पर हैं. भोपाल में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से लेकर सभी सरकारी और निजी अस्पतालों के डॉक्टर इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर बाकी सभी सेवाओं को बंद कर चुके हैं. डॉक्टरों की हड़ताल के चलते भोपाल में जैसे मरीजों की जान पर बन आई है. वहीं इस पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है.
मध्य प्रदेश के तमाम मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर हड़ताल पर हैं. इसके साथ ही भोपाल के सभी प्राइवेट हॉस्पिटल, नर्सिंग होम और सभी मेडिकल कॉलेज, एम्स भोपाल, गांधी मेडिकल कॉलेज, हमीदिया अस्पताल में डॉक्टर धरने पर हैं. प्रोटेक्शन एक्ट समेत तमाम मांगों को लेकर डॉक्टर जिद पर अड़े हैं और ममता बनर्जी को तानाशाह बता रहे हैं.
सोमवार को डॉक्टरों ने सिर पर पट्टी बांध और हेलमेट लगाकर प्रदर्शन कर अपनी नाराजगी जताई. इसके बाद डॉक्टरों ने पैदल मार्च निकाला, जिसमें हजारों डॉक्टर भोपाल की सड़कों पर उतरे. हालात ये थे कि सड़क पर करीब एक किलोमीटर लंबी डॉक्टरों की भीड़ में सड़क छिप सी गई और सड़कों पर सिर्फ डॉक्टरों का हुजूम ही दिख रहा था.
डॉक्टरों की हड़ताल से मरीज हुए परेशान
डॉक्टरों की हड़ताल के चलते मध्य प्रदेश में सोमवार सुबह से ही किसी भी प्रकार के सामान्य कार्य, ओपीडी, सामान्य ऑपरेशन, शिक्षण का कार्य नहीं किया जा रहा. लेकिन सभी आपातकालीन सेवाएं चालू हैं. इसके चलते मरीजों की आफत आ गई है और इलाज के लिए भटक रहे हैं.
भोपाल के हमीदिया अस्पताल प्रदेश के बड़े अस्पतालों में शुमार है. लिहाजा यहां दूर-दूर से लोग इलाज के लिए आते हैं लेकिन हड़ताल के चलते सोमवार को उन्हें इलाज नहीं मिला. सागर, गुना और दमोह समेत आसपास के जिलों से आए कई मरीज और उनके परिजन अस्पताल परिसर में बैठ हड़ताल खत्म होने का इंतजार करते दिखे.
राजनीति से प्रेरित है हड़ताल: कांग्रेस
इस बीच, डॉक्टरों की हड़ताल पर सियासत भी खूब हो रही है. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर इसे राजनैतिक रुप देने पर सवाल खड़े किए हैं. दिग्विजय ने ट्वीट कर लिखा, ‘मध्य प्रदेश में तो डॉक्टरों की सुरक्षा का कानून है, फिर हड़ताल क्यों? मध्य प्रदेश शासन को कानून को सख्ती से लागू करना चाहिए. मरीजों का इलाज डॉक्टर का प्रथम दायित्व है, जो इसे राजनैतिक रूप दिया जा रहा है वह अनुचित है.’
वहीं, कमलनाथ सरकार के कैबिनेट मंत्री जीतू पटवारी भी कह रहे हैं कि केंद्र की राजनीति से प्रेरित होकर डॉक्टर ऐसा ना करें. डॉक्टरों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है और मध्य प्रदेश सरकार इसे निभा रही हैं.