
दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर विरोधी भले ही मोहल्ला क्लिनिक को लेकर हमले करते नहीं थकते, लेकिन मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार इस कॉन्सेप्ट पर फिदा है. मध्य प्रदेश सरकार के हालिया फैसले को देखें तो उससे यही संदेश जा रहा है कि केजरीवाल का मोहल्ला क्लिनिक कॉनसेप्ट स्वास्थ्य के क्षेत्र में हिट है. दिल्ली की तर्ज पर अब जल्द ही प्रदेश में भी आपको मोहल्ला क्लिनिक दिखाई देंगे जहां गरीब तबके के लोग मुफ्त में इलाज और अपनी कई तरह की जांच करवा सकेंगे.
कमलनाथ सरकार ने भी अब दिल्ली की केजरीवाल सरकार की तर्ज पर मोहल्ला क्लिनिक खोलने का ऐलान कर दिया है. प्रदेश का पहला मोहल्ला क्लिनिक भोपाल में बनकर तैयार है. दरअसल कई महीने पहले कैबिनट ने इसे मंजूरी दी थी, जिसके बाद इसे विधानसभा से भी मंजूरी मिल गई थी. अब मोहल्ला क्लिनिक बनने भी शुरु हो गए हैं. कमलनाथ सरकार के मोहल्ला क्लिनिक भी केजरीवाल सरकार की ही तरह होंगे, लेकिन प्रदेश में इन्हें 'मोहल्ला क्लिनिक' की जगह 'संजीवनी क्लिनिक' कहा जाएगा.
'आज तक' की टीम मध्य प्रदेश के पहले मोहल्ला क्लिनिक भी पहुंची जो राजधानी भोपाल में बनकर लगभग तैयार है. 2 दिसंबर के बाद कभी भी इसका उद्घाटन किया जा सकता है. यह मोहल्ला क्लिनिक जहां बन रहा है, वहां ज्यादातर गरीब तबके के लोग रहते हैं.
इसी मोहल्ले में रहने वाली कविता ने बताया कि वह घरेलू काम करके अपना और परिवार का पेट पाल रही है. कविता की मानें तो बीमार पड़ने पर सरकारी अस्पताल तक जाने में टाइम और पैसा दोनों खर्च होता है लेकिन इस क्लीनिक के खुल जाने से छोटी-छोटी जांच के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा और पैसा भी बचेगा. वहीं इसी बस्ती में रहने वाली ज्योती की भी मानें तो घर के पास क्लीनिक खुलने से इन गरीबों को काफी सहूलियत हो जाएगी।
बता दें कि प्रदेश में 'आपकी सरकार, आपके द्वार' योजना के तहत पहले चरण में 88 संजीवनी (मोहल्ला) क्लिनिक खोले जाएंगे. इनमें से 29 इंदौर, भोपाल में 28, जबलपुर में 10, ग्वालियर में 6, सागर में 5, रीवा में 4 और उज्जैन में 6 संजीवनी क्लिनिक खुलेंगे. 50 हजार की जनसंख्या पर एक संजीवनी क्लिनिक खुलेगी. इसमें निःशुल्क चिकित्सकीय परामर्श और 8 तरह की जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. यह क्लिनिक दिन में 12 घंटे खुले रहेंगे, जहां एक चिकित्सक, 2 पैरामेडिकल स्टॉफ, एक स्टॉफ नर्स, एक लैब टेक्निशियन और एक फार्मासिस्ट की तैनाती की जाएगी.
200 से अधिक क्लिनिक खोलने की योजना
इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि यह शुरुआत है. सरकार की योजना 200 से अधिक संजीवनी क्लिनिक खोलने की है. पहले चरण में 88 संजीवनी क्लिनिक खोले जाएंगे. स्वास्थ्य मंत्री ने इस दौरान कहा कि प्रदेश में डॉक्टरों की कमी है और सरकार की अगला लक्ष्य डॉक्टरों की इस कमी को दूर करना है.