
देशभर में इन दिनों आरक्षण को लेकर बहस छिड़ी हुई है. एसएटी एक्ट में हुए बदलावों को लेकर दो अप्रैल को दलितों ने भारत बंद बुलाया. इस मुद्दे पर काफी हिंसा और राजनीति भी हुई. विपक्षी पार्टियों ने आरक्षण खत्म करने को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ कहा कि आरक्षण खत्म नहीं होगा.
इस बीच मध्यप्रदेश के एक मंत्री का बयान सामने आया है जिससे पार्टी की चिंताएं बढ़ सकती हैं. शिवराज सरकार में मंत्री गोपाल भार्गव ने एक कार्यक्रम में कहा कि यदि योग्यता को दरकिनार करके अयोग्य का चयन किया जाएगा, 90 फीसदी वालों को बैठा दिया जाएगा और 40 फीसदी की नियुक्ति होगी तो ये देश के लिए घातक होगा.
हालांकि, बयान पर बवाल होने के बाद उन्होंने अपना बचाव भी किया. मंत्री ने बाद में कहा कि मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया. मैं संविधान के द्वारा दिए गए आरक्षण का समर्थन करता हूं.
गौरतलब है कि 2 अप्रैल को दलितों के बुलाए गए बंद के खिलाफ 10 अप्रैल को सवर्णों की तरफ से भी भारत बंद बुलाया गया था. इस दौरान मोदी सरकार और बीजेपी की इस मुद्दे पर आलोचना की गई.
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन सभी मुद्दों पर चुप्पी तोड़ते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा था. पीएम ने कहा कि कांग्रेस कभी नहीं चाहती थी और न आज चाहती है कि दलित और पिछड़े विकास की मुख्यधारा में आएं. जबकि हमारी सरकार, बाबा साहेब के दिखाए रास्ते पर चलते हुए, सबका साथ-सबका विकास के मंत्र के साथ समाज के हर वर्ग तक विकास का लाभ पहुंचाने का प्रयास कर रही है.