
मध्य प्रदेश विधान सभा में मंगलवार को ओबीसी आरक्षण 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी करने का विधेयक पास हो गया. सदन में मध्य प्रदेश लोकसेवा संशोधन विधेयक सर्वसम्मति से पारित हुआ. अब मध्य प्रदेश में ओबीसी वर्ग को 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी आरक्षण का लाभ दिया जाएगा. इस विधेयक को जुलाई महीने की पहली कैबिनेट बैठक में ही इसे पास किया गया था जिसके बाद विधानसभा के वर्तमान सत्र में इसे पेश किया गया.
इससे पहले यह आरक्षण 14 फीसदी था लेकिन पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव के वक्त कांग्रेस ने अपने वचनपत्र में ओबीसी आरक्षण को बढ़ाने का वादा मध्यप्रदेश की जनता से किया था और मध्यप्रदेश की सत्ता पर 15 साल बाद काबिज होने के 8 महीने के भीतर जनता से किया वादा कमलनाथ ने आखिरकार पूरा कर दिया.
मंगलवार सुबह जब विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो सामान्य प्रशासन मंत्री गोविंद सिंह ने इसकी जानकारी दी. सदन के भीतर विधेयक पर चर्चा करते हुए सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी कर दिया गया है. इसके साथ ही मंत्री गोविंद सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश में अब अलग अलग जातियों के लिए आरक्षण का प्रतिशत बढ़कर लगभग 70 प्रतिशत हो गया है.
राज्य के अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, शासकीय, निगम, मंडल, स्वशासी संस्थाओं के कर्मचारी, नगर सैनिक, निशक्तजन और महिलाओं को पांच साल की छूट मिलेगी. साथ ही राज्य में होने वाली सीधी भर्ती वाले पदों के लिए आयु सीमा बढ़ाकर 40 वर्ष कर दी गई है. सरकार ने इसे पहले हाई कोर्ट के आदेशानुसार उम्र सीमा को घटाकर सभी के लिए समान रूप से 35 वर्ष कर दी थी.