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मध्य प्रदेश में कोरोना इम्पैक्ट, तीन महीने के लिए टले पंचायत और निकाय चुनाव

राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने जानकारी दी है कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा वर्तमान परिस्थितियों का आकलन करने के बाद यह पाया गया है कि कोविड-19 के संक्रमण में निरंतर वृद्धि तथा जन-स्वास्थ्य सुरक्षा की दृष्टि से स्वतंत्र एवं निष्पक्ष निर्वाचन की प्रक्रिया अभी नहीं अपनाई जा सकती है.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
रवीश पाल सिंह
  • भोपाल ,
  • 27 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 7:58 AM IST
  • फरवरी के बाद होंगे पंचायत चुनाव
  • राज्य निर्वाचन आयोग ने दी जानकारी
  • कोरोना की वजह से चुनाव करवाने में दिक्कत

मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण की वजह से चुनाव आयोग ने पंचायत चुनाव और नगरीय निकाय के चुनावों को तीन महीने के लिए टाल दिया है. राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, अभी राज्य में चुनाव कराए जाने लायक परिस्थितियां नहीं हैं और कोरोना संक्रमण के मामले लगातार आ रहे हैं, इसलिए जन स्वास्थ्य की सुरक्षा की दृष्टि से अभी राज्य में पंचायत चुनाव नहीं करवाए जा सकते. 

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राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह के मुताबिक अब राज्य में नगरीय निकाय निर्वाचन 20 फरवरी के बाद और पंचायत निर्वाचन फरवरी-2021 के बाद होंगे. निर्वाचन आयुक्त के मुताबिक कुछ दिनों के बाद कोरोना संक्रमण की फिर समीक्षा की जाएगी और इसके बाद निकाय चुनाव करवाने पर फैसला लिया जाएगा.

राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने जानकारी दी है कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा वर्तमान परिस्थितियों का आकलन करने के बाद यह पाया गया है कि कोविड-19 के संक्रमण में निरंतर वृद्धि तथा जन-स्वास्थ्य सुरक्षा की दृष्टि से स्वतंत्र एवं निष्पक्ष निर्वाचन की प्रक्रिया अभी नहीं अपनाई जा सकती है.  

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चुनाव आयुक्त ने कहा कि इसलिए भारत के संविधान के अनुच्छेद 243-K एवं 243-ZA में प्राप्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए नगरीय निकाय के चुनाव और पंचायत चुनाव अब 20 फरवरी 2021 के बाद कराए जाएंगे. बता दें कि राज्य में दिसम्बर 2020 में नगर निकाय चुनाव और जनवरी 2021 में पंचायत चुनाव होने थे.  

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बता दें कि कुछ दिन पहले ही राज्य निर्वाचन आयोग ने बताया था कि राज्य में नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों को लेकर तैयारी पूरी हो चुकी है. तब राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से जारी बयान में कहा गया था कि आयोग का यह संवैधानिक दायित्व है कि स्थानीय निकायों का कार्यकाल पूरा होने के पहले ही निर्वाचन करा लिया जाए. 


 

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