
मध्य प्रदेश में सियासी नाटक चल रहा है. कांग्रेस के 22 विधायकों ने बागी तेवर अपना विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा भेज दिया है. यह विधायक भारतीय जनता पार्टी की सरकार वाले कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में रुके हैं. कमलनाथ सरकार के मंत्री जीतू पटवारी विधायकों से मिलने बेंगलुरु पहुंचे थे, लेकिन मिल नहीं पाए थे.
अब मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसे लेकर विपक्षी भाजपा पर हमला बोला है. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसे भाजपा की साजिश बताया और कहा कि हमारे नेताओं को बेंगलुरु में विधायकों से मिलने नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि यह जेल है. ऐसे समय में, जब कमलनाथ सरकार की विदाई तय मानी जा रही है, तब भी मुख्यमंत्री ने दावा किया कि हमारी सरकार मजबूत स्थिति में है.
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विधानसभा चुनाव के दौरान कमलनाथ के साथ मजबूती से प्रचार में जुटे रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में वही बता पाएंगे कि उन्होंने पार्टी क्यों छोड़ी. इससे पहले कमलनाथ ने राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात कर भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त करने और उन्हें बंधक बनाने का आरोप लगाया.
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कमलनाथ ने राज्यपाल को पत्र सौंपकर बंधक विधायकों को छुड़ाने की मांग की. कमलनाथ ने बजट सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण के बाद फ्लोर टेस्ट कराने की जानकारी दी थी और कहा था कि ऐसा तभी संभव है, जब बंधक बनाए गए 22 विधायकों को रिहा किया जाए. बता दें कि मध्य प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेताओं में गिने जाते रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दो दिन पहले हाथ का साथ छोड़कर कमल का दामन थाम लिया था.