
मध्य प्रदेश में चल रहे सियासी उथल-पुथल के बीच विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कमलनाथ मंत्रिमंडल से हटाए गए 6 विधायकों का इस्तीफा मंजूर कर लिया है. शनिवार शाम को ही पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल से मुलाकात कर फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की.
पूरे दिन चली सियासी गहमागहमी के बीच अब मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर कांग्रेस के विधायकों को बंदी बनाए जाने का आरोप लगाया है. उन्होंने मौजूदा सियासी संकट के लिए भाजपा को जिम्मेदार बताया है. मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री से इन विधायकों को रिहा करा भोपाल भिजवाने की मांग करते हुए कहा है कि विधायक केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) की सुरक्षा मांग रहे हैं.
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कमलनाथ ने कहा, मुख्यमंत्री होने के नाते यह मेरी जिम्मेदारी है कि विधायकों को सुरक्षित माहौल दे सकूं. यदि 22 विधायकों को रिहा कर दिया जाता है, तो भरोसा दिलाते हैं कि इन्हें उच्चतम सुरक्षा उपलब्ध कराएंगे. जिससे वह बिना किसी डर के अपनी बात विधानसभा स्पीकर के सामने रख सकें. उन्होंने यह पूरा घटनाक्रम 3 मार्च से शुरू होने का उल्लेख करते हुए अब तक की पूरी जानकारी दी है.
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मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अमित शाह को लिखे पत्र में कहा कि आ रही तस्वीरों और वीडियो में जिस तरह से कांग्रेस विधायकों के साथ भाजपा के नेता भी दिख रहे हैं, उससे यह स्पष्ट है कि यह पूरा मामला भाजपा की साजिश है. विधायकों पर हो रहा खर्च पूरी तरह से भाजपा की कर्नाटक इकाई उठा रही है. उन्होंने एक विधायक के बीमार पिता को भी उससे नहीं मिलने देने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनसे बात करने की मेरी सारी कोशिशें भी नाकाम रही हैं.