
अभी ज्यादा दिन नही बीते हैं जब एनसीआरबी के आंकड़ों में सबसे ज्यादा बलात्कार के लिए मध्य प्रदेश का नाम सबसे ऊपर आया था, लेकिन हाल ही में जारी हुई रजिस्टार जनरल ऑफ इंडिया के सैम्पल रजिस्ट्रेशन सर्वे की सांख्यिकी रिपोर्ट ने एमपी को एक बार फिर नंबर पर रखा है.
अभी तक कुपोषण और सबसे ज्यादा बलात्कार का कलंक झेल रहे मध्य प्रदेश में शिशु मृत्यु दर भी सबसे अधिक है. ये खुलासा हुआ है रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया के सैम्पल रजिस्ट्रेशन सर्वे की सांख्यिकी रिपोर्ट से. रिपोर्ट के मुताबिक शिशु मृत्यु दर में मध्य प्रदेश पहले स्थान पर है.
कुपोषण के मामले भी बढ़े
इसके पहले ये रिपोर्ट इसी साल जून में सामने आई थी, लेकिन उस वक्त उसमें कुछ ही राज्यों को शामिल किया गया था. अब सभी राज्यों की पूरी रिपोर्ट जारी हुई है.
लेकिन बुरी खबर सिर्फ यही नहीं. पिछले कई महीनों से कुपोषण से हो रही मौत के बीच रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि 5 साल से कम उम्र के बच्चों की मौत के मामले में एमपी दूसरे नंबर पर है. रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में 1000 बच्चों में से 5 साल से कम उम्र के 52 बच्चों की मौत हो जाती है. लड़की के मामले में ये आंकड़ा 53 है. एमपी से ऊपर पहले नंबर पर असम है, जहां 1000 बच्चों में से 66 बच्चों की मौत हो जाती है.
कमी के बावजूद शिशु मृत्यु दर में अव्वल
इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद एमपी के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस मामले में सीएम शिवराज ने चिंता जताई है और कुपोषण के साथ-साथ शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए ठोस कदम उठाने को कहा है. हालांकि रिपोर्ट से ये भी साफ है कि शिशु मृत्यु दर में एमपी में 18% की कमी आई है, लेकिन इसके बावजूद पहले नंबर पर होना ये साबित करता है कि अपनी छवि को बदलने के लिए अभी बहुत कुछ करना होगा.