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मुजफ्फरपुर कांड के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला

सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी करते हुए कहा गया है कि शेल्टर होम में रहने वाली लड़कियों को जब भी जरूरत महसूस हो उनकी तुरंत महिला डॉक्टर द्वारा मेडिकल जांच होनी चाहिए.

शिवराज सिंह चौहान (फाइल फोटो) शिवराज सिंह चौहान (फाइल फोटो)
परमीता शर्मा/रवीश पाल सिंह
  • @ReporterRavish ,
  • 08 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 5:21 PM IST

बिहार के मुजफ्फरपुर के शेल्टर होम में रहने वाली बच्चियों के साथ हुए रेप कांड के बाद मध्य प्रदेश सरकार भी चौकन्नी हो गई है. बिहार जैसी घटना मध्य प्रदेश में ना हों इसके लिए सभी जि़ला कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि उनके जिले में आने वाले शेल्टर होम की हर महीने जांच होनी चाहिए.

मध्य प्रदेश के महिला एवं बाल विकास विभाग के कमिश्नर अशोक भार्गव ने आजतक से फोन पर कहा कि वैसे तो शेल्टर होम के लिए गाइडलाइंस पहले से ही तय हैं लेकिन बिहार की घटना के बाद उन गाइडलाइंस पर फिर से समीक्षा की गई है और सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी किए गए हैं. कमिश्नर अशोक भार्गव के मुताबिक मंगलवार को भोपाल में इस बाबत बकायदा एक समीक्षा बैठक भी बुलाई गई थी.

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सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी करते हुए कहा गया है कि शेल्टर होम में रहने वाली लड़कियों को जब भी जरूरत महसूस हो उनकी तुरंत महिला डॉक्टर द्वारा मेडिकल जांच होनी चाहिए. इसके अलावा जिन शेल्टर होम्स में बालिकाएं रहती हैं वहां सिर्फ महिला स्टाफ की तैनाती की जाए. कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि वो हर महीने इसकी रिपोर्ट महिला एवं बाल विकास विभाग को सौंपे.

इसके अलावा यदि किसी को शेल्टर होम में काम पर रखा जाता है तो पहले उसका उचित तरीके से पुलिस वेरिफिकेशन किया जाए और किसी भी बाहरी शख्स की इन शेल्टर होम्स में एंट्री ना हो. कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि यदि कोई अधिकारी शेल्टर होम में रहने वाले लड़के और लड़कियों से बात करना चाहते हैं तो उन्हे पहले इसकी सूचना देना जरूरी होगा. वहीं निर्देश जारी करते हुए कहा गया है कि जिन शेल्टर होम में सीसीटीवी नहीं लगे हैं वहां सीसीटीवी लगाए जाएं रोजाना उसकी निगरानी की जाए.

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क्या है मुजफ्फरपुर कांड

आपको बता दें कि हाल ही में बिहार के मुजफ्फरपुर में शेल्टर होम में बच्चिों के साथ रेप के मामले सामने आने से पूरा देश स्तब्ध है. टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस की ऑडिट रिपोर्ट में सामने आया था कि इस शेल्टर होम में रहने वाली बच्चियों का यौन शोषण हो रहा है जिसके बाद बिहार सरकार ने इसकी शुरुआती जांच के बाद पूरा मामला सीबीआई को सौंप दिया है.

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