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उज्जैन सिंहस्थ में साधु संत अलग-अलग अंदाज में तप और हठ योग कर रहे हैं, ऐसी तपस्या देखकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे. दूर-दूर से आए साधु 43 डिग्री तापमान में अपने चारों ओर उपलों में आग लगाकर अग्नि स्नान करते हैं.
हठ योग देखने के लिए लोगों की भीड़
दरअसल अग्नि स्नान में साधू अपने आसपास 84 उपलों की ढेर में अग्नि प्रज्वलित करते हैं और तेज गर्मी में 2 से 3 घंटे तक तपस्या करते हैं. तप के दौरान ये पूरे समय मंत्रोच्चार करते हैं. कुंभ में एक दो नहीं, दर्जनों की संख्या में साधु इस तप को करते हैं. इस तप को देखने श्रद्धालुओं की भी भीड़ रहती है. साधु नरसिंह दास ने बताया कि चार तप में से ये महत्वपूर्ण तप है और साधू चार-चार महीने तक लगातार ये तप करते हैं.
पर्यावरण को बचाने के लिए हठ योग
इसी तरह गुजरात के जूनागढ़ से आए खड़ेश्वर महाराज 28 साल से एक पैर पर खड़े हैं. हाथों से झूले का सहारा लेकर एक पैर पर खड़े होकर हठ योग कर रहे हैं. बाबा के पैरों में जख्म हो चुके हैं. बाबा ने 'आज तक' से बातचीत में बताया कि विश्व शांति और पर्यावरण का संदेश के लिए वे हठ योग कर रहे हैं. 1988 में उन्होंने इस तपस्या शुरुआत की थी और अंतिम सांस तक करते रहेंगे.