
मध्य प्रदेश में उपचुनाव से पहले कांग्रेस में विवाद शुरू हो गया है. खंडवा लोकसभा सीट से अरुण यादव ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है. इस सीट से कांग्रेस के सबसे सशक्त दावेदार अरुण यादव ही माने जा रहे थे. बता दें कि 30 अक्टूबर को खंडवा सीट पर उपचुनाव के लिए वोटिंग होनी है.
अरुण यादव ने खंडवा लोकसभा उपचुनाव में चुनावी मैदान में उतरने से इनकार कर दिया. उन्होंने इस बारे में पार्टी आलाकमान को लेटर भी लिखा है और चुनाव न लड़ने के पीछे पारिवारिक वजहों को बताया है. लंबे समय से अरुण यादव क्षेत्र में सक्रिय थे और कांग्रेस से उनका टिकट लगभग पक्का माना जा रहा था.
रविवार देर शाम ट्वीट कर अरुण यादव ने चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया और लिखा, ''आज कमलनाथ जी, मुकुल वासनिक जी से दिल्ली में व्यक्तिगत तौर पर मिलकर अपने पारिवारिक कारणों से खण्डवा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से अपनी उम्मीदवारी प्रत्याशी न बनने को लेकर लिखित जानकारी दे दी है, अब पार्टी जिसे भी उम्मीदवार बनाएगी मैं उनके समर्थन में पूर्ण सहयोग करूंगा.''
उपचुनाव से पहले कांग्रेस को तगड़ा झटका
वहीं, उपचुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. दरअसल दिग्विजय सिंह की सरकार में मंत्री रह चुकीं और आदिवासी बहुल सीटों पर अच्छी पकड़ रखने वाली सुलोचना रावत शनिवार देर रात अपने बेटे विशाल रावत के साथ भाजपा में शामिल हो गईं. सुलोचना रावत की आदिवासी मतदाताओं के बीच अच्छी पकड़ मानी जाती है. ऐसे में माना जा रहा है कि आदिवासी बहुल सीट जोबट से भाजपा सुलोचना रावत या फिर उनके बेटे विशाल रावत को उम्मीदवार बना सकती है.