
हैदराबाद के अपने मजबूत किले से बाहर निकलकर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM मध्य प्रदेश में राजनीतिक पारी शुरू करने जा रही है. पार्टी ने भोपाल में दफ्तर खोल बकायदा सदस्यता अभियान भी शुरू कर दिया है. AIMIM के सदस्य जहां इसे एक नई शुरुआत बता रहे हैं तो वहीं इससे मध्य प्रदेश का सियासी पारा चढ़ गया है.
दरअसल, मध्य प्रदेश में इस साल नगरीय निकाय के चुनाव होने वाले हैं और AIMIM इसके लिए अपने सदस्यता अभियान में जुट गई है. गुजरात के नगरीय निकाय चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM को मिली सफलता के बाद अब पार्टी को मध्य प्रदेश में भी वैसे ही प्रदर्शन की उम्मीद है इसलिए भोपाल में कार्यालय खोल मेम्बरशिप ड्राइव भी शुरू कर दी गई है.
'आजतक' से बात करते हुए AIMIM के जिलाध्यक्ष ताहिर अनवर ने बताया कि 'मार्च में पिछले साल सबने देखा कि कैसे वोट जो कांग्रेस को दिया था वो बीजेपी में चला गया क्योंकि कई नेताओं ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी की सदस्यता ले ली. इसका मतलब साफ है कि वोट कांग्रेस को दो तो जाएगा वो बीजेपी को ही. कांग्रेस ने मुसलमानों को वोटबैंक समझा इसलिए लोगों को अब तीसरा विकल्प चाहिए इसलिए हमारे सदर साहब ने तय किया है कि पार्टी यहां चुनाव लड़े. अभी आने वाले समय मे हम चाहेंगे कि सदर साहब भी आने वाले समय में मध्य प्रदेश आएं और हम सबको गाइड करें'.
पिछले साल कराया इंटरनल सर्वे
AIMIM ने दिसंबर 2020 से ही प्रदेश के अलग-अलग शहरों में इंटरनल सर्वे शुरू कर दिया था. ओवैसी की पार्टी का फोकस मुस्लिम बहुल इलाकों पर है लिहाजा इंटरनल सर्वे भोपाल, इंदौर, रतलाम, खरगोन, बुरहानपुर और जबलपुर में किया गया.
मध्य प्रदेश में AIMIM के निकाय चुनाव लड़ने की संभावना से ही बीजेपी इसे राष्ट्रवाद से जोड़ रही है. पूर्व प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने ओवैसी को चेतावनी देते हुए कहा कि 'आप हैदराबाद की पार्टी हो वहीं पर रहो तो अच्छा है क्योंकि मध्य प्रदेश शांति का टापू है, सब धर्मों के लोग यहां मिलजुल कर रहते हैं इसलिए यहां आकर बांटने की राजनीति मत करो. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी वैसे भी कांग्रेस के नक्शेकदम पर चलने वाली पार्टी है'.
यह वोटकठुआ पार्टीः कांग्रेस
ओवैसी की पार्टी के मध्य प्रदेश में चुनाव लड़ने पर कांग्रेस ने भी चुटकी ली. पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि 'ओवैसी शुरू से भाजपा की बी टीम रहे हैं. जब भी वोट काटना हो वहां बीजेपी उन्हें खड़ा कर देती है. यह वोटकठुआ पार्टी है इसलिए उनके यहां आने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा. हमारा वोटबैंक हमारे साथ है कहीं नहीं जा रहा'.
अभी तक AIMIM ने मध्य प्रदेश में कोई भी चुनाव नहीं लड़ा है और यदि निकाय चुनाव में AIMIM उम्मीदवार उतारती है तो इसे मध्य प्रदेश में उसकी चुनावी यात्रा का आगाज माना जाएगा. मध्य प्रदेश के निकाय चुनावों में हमेशा से ही बीजेपी का दबदबा रहता है और पिछले निकाय चुनावों में सभी मेयर पदों पर बीजेपी का कब्जा हुआ था. लेकिन हाल ही में ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के चुनाव में AIMIM को उसके ही गढ़ में बीजेपी ने चुनौती दी थी ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि ओवैसी क्या बीजेपी को उसके गढ़ में चुनौती दे पाएंगे या नहीं.