
मध्य प्रदेश में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और राज्य की दोनों ही प्रमुख पार्टियों ने चुनावी बिगुल फूंक दिया है. सत्ताधारी बीजेपी अपने 15 साल के कामकाज के आधार पर जनता के बीच जाएगी, वहीं विपक्षी दल कांग्रेस वोटरों को रिझाने के लिए रोज नए-नए वादे रही है.
सतना जिले की नागौद सीट पर फिलहाल कांग्रेस का कब्जा है और यहां से यादवेंद्र सिंह विधायक है. ठाकुर वोट बाहुल्य इस क्षेत्र में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही है. साल 2013 से पहले लगातार 2 बार यहां से बीजेपी जीतती आई है. करीब 2 लाख मतदाताओं वाली नागौद सीट पर जनता में राज्य सरकार के प्रति गहरा आक्रोश है और फिर से यह सीट कांग्रेस के खाते में ही जा सकती है.
2013 चुनाव के नतीजे
साल 2013 के चुनाव में यहां से कांग्रेस के यादवेंद्र सिंह को जीत मिली थी. उनका मुकाबला बीजेपी के गगनेंद्र प्रताप सिंह से था. लेकिन नतीजों में कांग्रेस 10 हजार वोटों से जीतने में सफल रही. बीएसपी, सपा, एनसीपी समेत करीब 20 दलों ने इस चुनाव में अपने-अपने उम्मीदवारों को उतारे थे.
2008 चुनाव के नतीजे
बीजेपी के नगेंद्र सिंह लगातार दूसरी बार 2008 में इस सीट से चुनाव जीते थे. तब कांग्रेस ने यादवेंद्र सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया था लेकिन उन्हें 7 हजार वोटों से बार का सामना करना पड़ा था.
मध्यप्रदेश की ज्यादातर सीटों पर मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है, लेकिन कुछ सीटों पर बीएसपी और अन्य छोटे दल भी निर्णायक भूमिका में हैं. यहां 2003 से बीजेपी की सरकार है और इससे पहले 10 साल तक कांग्रेस ने राज किया था. 2013 के विधानसभा चुनाव में कुल 230 विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने 165 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी. कांग्रेस 58 सीटों तक सिमट गई थी. जबकि बसपा ने 4 और अन्य ने 3 सीटों पर जीत हासिल की थी.