
मध्य प्रदेश में उपचुनाव को लेकर नेताजों के बीच एक-दूसरे को लेकर जहां जमकर बयानबाजी हो रही है तो वहीं चुनाव प्रचार के अंतिम दिन मुख्यमंत्री शिवराज और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीच ट्विटर पर जमकर वार-पलटवार हुआ.
कमलनाथ का वार
रविवार सुबह कमलनाथ ने चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को लेकर एक ट्वीट किया. ट्वीट में शिवराज सरकार पर हमला बोलते हुए कमलनाथ ने लिखा कि 'शिवराज सरकार द्वारा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र 62 वर्ष से घटाकर पुनः 60 वर्ष करने का फैसला चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के साथ धोखा है. इस निर्णय से उनके सामने संकट खड़ा होने वाला है. एक तरफ सरकार एरियर्स देने की स्थिति में नहीं है तो वो ग्रेच्युटी व पेंशन कैसे देगी? चुनाव के पूर्व इस निर्णय से सरकार की नियत का खोट उजागर हुआ है. यह निर्णय उनके साथ अन्याय व भेदभाव पूर्ण है. भाजपा सरकार इस निर्णय पर पुनर्विचार करे. कांग्रेस सरकार आने पर कर्मचारी विरोधी निर्णयों को निरस्त करेंगे.'
शिवराज का पलटवार
मध्य प्रदेश में 2 दिन बाद ही विधानसभा के उपचुनाव हैं. ऐसे में कमलनाथ के ट्वीट के बाद मोर्चा संभाला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने, उन्होंने पलटवार करते हुए ट्वीट किया और कमलनाथ के आरोपों को गलत बताया. शिवराज ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 'पूर्व मुख्यमंत्री होते हुए भी ट्वीट करने से पहले आपने ये जानना भी उचित नहीं समझा कि जो अधिसूचना सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी की गई है, वह मंत्रीगण की निजी स्थापना में मंत्रीगण द्वारा अपने कार्यकाल तक के लिए रखे जाने वाले अस्थाई चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियो से संबंधित है. दरअसल, सरकार ने उनकी भी कार्य करने की आयु सीमा 40 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष की है. इस अधिसूचना का चतुर्थ श्रेणी के स्थायी कर्मचारियों से कोई संबंध नहीं है. उनकी सेवानिवृत्ति की आयु यथावत 62 वर्ष ही है.
सीएम ने कहा कि मेरी सरकार हमेशा से ही कर्मचारी हितैषी सरकार रही है, आज भी है और आगे भी रहेगी. आप की तरह तबादला उद्योग चला कर्मचारियों को परेशान करने वाली सरकार नहीं है. हम सब एक टीम की तरह कंधे से कंधा मिलाकर काम करते है एवं मध्यप्रदेश के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।
मध्य प्रदेश सरकार को जारी करना पड़ा बयान
चुनाव से ठीक पहले कमलनाथ के इस ट्वीट के बाद कर्मचारियों में हड़कंप मच गया. सोशल मीडिया से लेकर मंत्रालय के गलियारों तक मे चर्चा होने लगी. इसलिए कमलनाथ के ट्वीट के थोड़ी ही देर बाद इस पर मध्यप्रदेश सरकार का अधिकारिक बयान भी आ गया.
शासन ने बयान जारी करते हुए बताया कि 'यह समाचार पूर्णतः असत्य है कि सरकार द्वारा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु घटाई गई है. जो अधिसूचना सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी की गई है और वह मंत्रीगण की निजी स्थापना में मंत्रीगण द्वारा अपने कार्यकाल तक के लिए रखे जाने वाले अस्थाई चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियो से संबंधित है. दरअसल, सरकार ने उनकी कार्य करने की आयु सीमा 40 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष की है. इस अधिसूचना का चतुर्थ श्रेणी के स्थायी कर्मचारियों से कोई संबंध नहीं है. उनकी सेवानिवृत्ति की आयु यथावत 62 वर्ष ही है'.