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क्या MP में भी छिपाई गई कोरोना मौतें? कांग्रेस ने आंकड़ों के साथ खड़ा किए सवाल

कांग्रेस ने सीआरएस की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि मई 2020 में 34,320 लोगों की मौत हुई थी जबकि मई 2021 में यह बढ़कर 1,64,838 तक पहुंच गई'. कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि कमलनाथ ने भी मई में डेढ़ लाख मौतों का आंकड़ा घोषित किया था.

भोपाल में कोरोना से मौत के बाद बिलखते परिजन (पीटीआई) भोपाल में कोरोना से मौत के बाद बिलखते परिजन (पीटीआई)
रवीश पाल सिंह
  • भोपाल,
  • 13 जून 2021,
  • अपडेटेड 10:44 AM IST
  • 'सीआरएस के अनुसार, मई में 1.64 लाख से ज्यादा मौत'
  • सरकार बताए इसमें कोरोना से कितनी मौतें हुईंः कांग्रेस
  • मई में कोरोना से 2,451 हुई मौतः स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी

क्या मध्य प्रदेश सरकार ने कोरोना काल के दौरान हुई मौतों को छिपाया है? कांग्रेस शुरू से सरकार पर मौत के आंकड़ों में हेरफेर का आरोप लगाती रही है लेकिन अब कांग्रेस ने सीआरएस की रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया है कि मई 2021 में जो मौतें हुई है वो पिछले सालों की तुलना में कहीं ज्यादा है ऐसे में सरकार को यह बताना चाहिए कि इतनी मौतें किन वजहों से हुई.

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मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने सीआरएस की एक रिपोर्ट को आधार बनाते हुए मध्य प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार कोरोना काल मे हुई मौतों के आंकड़ों को छिपा रही है. कांग्रेस के मुताबिक सीआरएस रिपोर्ट में जो तथ्य निकल कर सामने आए हैं उसमें मई 2021 में 1 लाख 60 हज़ार से ज्यादा मौत बताई गई है जो कांग्रेस के आरोपों को सच साबित करती है.

कांग्रेस ने सीआरएस की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि 'मई 2020 में 34,320 लोगों की मौत हुई थी जबकि मई 2021 में यह बढ़कर 1,64,838 तक पहुंच गई'. कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ जी ने मई के महीने में डेढ़ लाख मौतों का आंकड़ा घोषित किया था वह अब सीआरएस की रिपोर्ट के बाद सत्य सिद्ध हो गया है मुख्यमंत्री जी, 1,64,838 मौतों का जवाब दीजिए जो मई महीने में हुई है. बताइए इतनी मौत किन कारणों से हुई और इसमें कोरोना की वजह से हुई मौतों की संख्या कितनी है.

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किसकी लापरवाही?

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के लोगों पर यह भीषण वज्रपात किसकी लापरवाही से हुआ है. क्या अस्पतालों में ऑक्सीजन उपलब्ध थी? क्या अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में दवाइयां थी? क्या अस्पतालों में बेड उपलब्ध थे? क्या लोग अस्पताल तक पहुंच पाए? कमलनाथ जी ने मई के महीने में इसकी पोल खोली थी तो पूरी सरकार उन पर टूट पड़ी थी. अब इस सरकारी एजेंसी के आंकड़ों पर सरकार क्या कहेगी? सरकार को बताना चाहिए कि क्या सच है और क्या झूठ है'.

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इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा है, 'शिवराज जी आप कमलनाथ को बदनाम कर सकते हैं, लेकिन सत्य को मिटा नहीं सकते. जनवरी से मई 2019 की तुलना में 2021 में 1.9 लाख ज्यादा लोगों की मृत्यु हुई, इन मौतों का जिम्मेदार कोरोना वायरस और आपकी सरकार के अलावा और कोई नहीं है.' 

उन्होंने कहा कि जो आपराधिक जालसाजी मध्य प्रदेश सरकार ने लाखों मौतों के आंकड़े छुपाने में की है, वैसी ही धांधली वैक्सीनेशन में भी की जा रही है. अगर 3 महीने के भीतर पूरे प्रदेश का वैक्सीनेशन नहीं हुआ तो तीसरी लहर से निपटना बहुत कठिन होगा. शिवराज जी अब समय आ गया है जब मध्य प्रदेश की जनता को इंसाफ दिया जाए. कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान मृत सभी लोगों को सरकार की ओर से वास्तविक आंकड़ों के आधार पर उचित मुआवजा दिया जाए.'

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आरोप में दम नहींः राज्य स्वास्थ्य मंत्री
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मध्य प्रदेश सरकार पर शुरू से ही मौत के आंकड़ों को छिपाने का आरोप कांग्रेस लगाती रही है लेकिन अब कांग्रेस सरकारी एजेंसी के आंकड़ों के साथ आरोप लगा रही है.

हालांकि मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर प्रभुराम चौधरी ने कहा कि कांग्रेस ट्वीट कर आरोप लगा सकती है लेकिन मध्य प्रदेश सरकार ने जो आंकड़े जारी किए हैं वो विधिवत रूप से सभी जांच और रिपोर्ट्स के बाद ही जारी हुए हैं इसलिए कांग्रेस के आरोप में दम नहीं है. शासन के आंकड़ों के अनुसार मध्य प्रदेश में मई के महीने में 2,451 लोगों की मौत कोरोना से हुई है.

आपको बता दें कि अप्रैल और मई के महीने में मध्य प्रदेश सरकार पर आरोप लगे थे कि सरकारी आंकड़ा कोरोना से जो मौत दिखा रहा है वो श्मशान घाट और कब्रिस्तानों में हुए अंतिम संस्कार की संख्या से बेहद कम है. हालांकि सरकार ने तब साफ किया था कि संदिग्ध कोरोना मौत वाले शव को भी कोविड प्रोटोकॉल से ही जलाया या दफनाया जाता है इसलिए आंकड़ों में अंतर आया है.

 

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