
अपने ऑन द स्पॉट कार्रवाई के लिए सुर्खियों में रहने वाले शिवराज सरकार के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर एक बार फिर एक्शन अवतार में नजर आए हैं. ऊर्जा मंत्री मंगलवार शाम बिजली कंपनी के कॉल सेंटर पहुंचे और शिकायत पर समय से कार्रवाई नहीं होने पर उनकी नाराजगी बिजली कंपनी के दो कर्मचारियों पर भारी पड़ गई.
दरअसल, प्रद्युम्न सिंह तोमर मंगलवार शाम को भोपाल के गोविंदपुरा में बिजली कंपनी के कॉल सेंटर देखने पहुंचे थे कि जिन बिजली ग्राहकों ने बिजली संबंधित शिकायतें की हैं क्या उसका समाधान हुआ या नहीं. ऊर्जा मंत्री ने कॉल सेंटर पहुंचकर खुद शिकायतकर्ता के मोबाइल पर फोन लगाया.
फोन पर जब शिकायतकर्ता से मंत्री तोमर ने शिकायत के समाधान के बारे में पूछा तो वहां से जवाब आया कि कॉल सेंटर पर कई बार फोन लगाने के बावजूद समस्या का निराकरण नहीं हुआ है. करीब 3 मिनट तक शिकायकर्ता से बात करने के बाद मंत्री तोमर ने बिजली कंपनी के अधिकारियों से बात की और एक डिवीजनल इंजीनियर और एक असिस्टेंट इंजीनियर का इंक्रीमेंट रोकने का निर्देश दे दिया.
लाहपरवाही योग्य नहींः ऊर्जा मंत्री
इस बारे में 'आजतक' से बात करते हुए ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया कि 'विद्युत उपभोक्ता सुबह 8 बजे से शाम तक 5 बार हेल्पलाइन नंबर पर अपनी समस्या दर्ज करवाता है लेकिन समय पर समस्या का निराकरण नहीं हो पाता है. इस बात के लिए मुझे भी बेहद खेद है और इस प्रकार की लाहपरवाही भी बर्दाश्त योग्य नहीं है.
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उन्होंने कहा कि भोपाल में कॉल सेंटर के निरीक्षण के दौरान मैंने भानपुर में रहने वाले शिकायतकर्ता वसीम खान और मेहगांव के कैदार सोनी से बात कर उनकी समस्याएं सुनी तो वसीम खान ने बताया कि वो सुबह 8.30 से शाम 5.30 तक चार फोन लगा चुके हैं लेकिन उनकी समस्या का निराकरण नहीं हुआ इसलिए समस्याओं के निराकरण में देरी और कॉल सेंटर में आने वाले फोन कॉल और रिसीव कॉल में काफी अंतर होने पर मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के एमडी गणेश शंकर मिश्रा को कॉल सेंटर के प्रभारी डीई और एई की एक-एक महीने की वेतन वृद्धि रोकने और कॉल सेंटर एजेन्सी के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं'.