
लव जिहाद रोकने को लेकर उत्तर प्रदेश में कानून बनाए जाने के बाद मध्य प्रदेश में भी लव जिहाद के खिलाफ बनाया गया 'धर्म स्वातंत्र्य अध्यादेश 2020' लागू कर दिया गया है. राज्य सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है. राज्य में सभी कलेक्टरों और एसपी को दिए अब नए कानून के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. इस कानून के तहत अधिकतम 10 साल तक के कारावास और 1 लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान है.
अध्यादेश के लागू होते ही शनिवार (9 जनवरी 2021) से मध्य प्रदेश में विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन शून्य घोषित होगा और धर्म परिवर्तन करके किया गया विवाह भी शून्य घोषित होगा, लेकिन ऐसे विवाह के बाद पैदा हुई संतान वैध होगी और उसे अपने पिता की संपत्ति में अधिकार प्राप्त होगा. इसके अलावा ऐसी संतान और उसकी मां विवाह शून्य घोषित होने के बाद भी संतान के पिता से भरण पोषण प्राप्त कर सकेंगे.
कानून के मुताबिक अगर किसी शख्स पर नाबालिग, अनुसूचित जाति/जनजाति की बेटियों को बहला फुसला कर शादी करने का दोष सिद्ध होता है तो उसे दो साल से 10 साल तक की सजा दी जाएगी. अगर कोई शख्स धन और संपत्ति के लालच में धर्म छिपाकर शादी करता हो तो उसकी शादी शून्य मानी जाएगी.
इससे पहले उत्तर प्रदेश में नवंबर के महीने में कैबिनेट ने लव जिहाद को लेकर अध्यादेश पास किया था. इस कानून के मुताबिक धोखे से धर्म परिवर्तन कराने पर 10 साल तक की जेल हो सकती है. इसके अलावा धर्म परिवर्तन करने के लिए जिले के जिलाधिकारी को दो महीने पहले सूचना देनी होगी.