
मध्य प्रदेश में कुपोषण से हो रही मौतों के लेकर राज्य सरकार नींद से जागी है. बुधवार को लगभग 6 घंटे चली मैराथन बैठक के बाद सीएम शिवराज ने तय किया है कि कुपोषण को रोकने के लिए सरकार नए कदम उठाएगी और बकायदा कुपोषण पर श्वेत पत्र भी लाएगी.
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने लगाया कैंप
दरअसल राज्य के अलग-अलग जिलों से कुपोषण से बच्चों की मौत के मामले सामने आ रहे हैं और इनमें से सबसे ज्यादा प्रभावित है श्योपुर जिला. यहां पिछले पांच महीनों में 12 बच्चों की मौत की खबर आते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कैंप लगा दिया था. हालांकि मौतों की वजहों को लेकर अधिकारियों की अलग-अलग रिपोर्ट को देखते हुए भोपाल से टीम भेजी गई, जिसने बेहद ही चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. कुपोषण का हाल और सच्चाई देखने के लिए भोपाल के साथ-साथ अन्य टीमों को श्योपुर जिले में भेजा गया था.
टीम के मुताबिक एक ही दिन में उसे 200 के लगभग बच्चे कुपोषित मिले. हालांकि इन बच्चों के अभिभावक इनको अस्पताल में भर्ती कराने से इंकार कर रहे थे, लेकिन बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया.
स्वास्थ्य मंत्री ने भी जताई चिंता
स्वास्थ्य मंत्री भी मंगलवार को श्योपुर जिले पहुंचे और हालात का जायजा लिया था. खुद स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक कुपोषण से बीमार बच्चों की संख्या ज्यादा है. वहीं बुधवार तक जारी आंकड़ों के मुताबिक अकेले श्योपुर में ही 100 के लगभग बच्चे कुपोषण के शिकार मिले. इसके अलावा कराहल में 64 और विजयपुर में 25 बच्चे मिले, जिन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.
कांग्रेस ने कुपोषण से हो रही मौतों पर सरकार को घेरते हुए उसे कुपोषण रोक पाने में पूरी तरह नाकाम माना है.