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17 साल की अनाथ को 29 लाख कर्ज चुकाने का नोटिस, मदद के लिए निर्मला सीतारमण ने बढ़ाया हाथ

मध्य प्रदेश की अनाथ नाबालिग लड़की की मदद के लिए निर्मला सीतारमण ने हाथ बढ़ाया है. लड़की को 29 लाख कर्ज चुकाने का नोटिस मिला था.

निर्मला सीतारमण ने वनिशा पाठक के लिए ट्वीट किया निर्मला सीतारमण ने वनिशा पाठक के लिए ट्वीट किया
aajtak.in
  • भोपाल,
  • 06 जून 2022,
  • अपडेटेड 2:59 PM IST
  • वनिशा पाठक के माता-पिता की कोविड की दूसरी लहर में मौत हो गई थी
  • वनिशा पाठक ने दसवीं में टॉप किया था, अब IIT की तैयारी कर रही हैं

भोपाल में रहने वाली 17 साल की अनाथ लड़की को बड़ी राहत मिलने वाली है. निर्मला सीतारमण ने इस मामले पर ट्वीट करके यह इशारा दिया है. इस लड़की ने कोविड काल में अपने माता-पिता खो दिये थे. लेकिन अब इसपर मुसीबतों का नया पहाड़ टूट पड़ा है. लड़की को 29 लाख रुपये का लोन चुकाने का नोटिस मिला है.

खबर पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान आया है. उन्होंने ट्वीट किया कि डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशल सर्विस (DFS) और LIC इंडिया कृपया इस मामले को देखें. मुझे इसकी ताजा स्थिति भी अपडेट करें. 

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कौन हैं वनिशा पाठक?

17 साल की वनिशा पाठक इन दिनों सुर्खियों में हैं. वह दसवीं बोर्ड में टॉपर रही थीं. उनके माता-पिता की कोरोना की घातक दूसरी लहर में मौत हो गई थी. वनिशा ने पहले ही इतना कुछ झेला है. वहीं अब आईआईटी की तैयारी कर रही वनिशा को लोन रिकवरी के नोटिस ने चिंता में डाल दिया है.

वनिशा पाठक भोपाल में ही रहती है और कोरोना की वजह से माता-पिता दोनों को खोने के बावजूद दसवीं में 99 फीसदी मार्क्स लाकर टॉप कर चुकी है. माता-पिता को खोने के बाद वनिशा और उनका छोटा भाई अपने मामा और उनके परिवार के साथ रहते हैं.

यह भी पढ़ें - 10वीं की टॉपर वनिशा को मिली राहत, लोन की रिकवरी के लिए LIC ने निकाला ये रास्ता

माता-पिता की मौत के बाद वनिशा को सरकार की तरफ से करीब 2 लाख रुपए मिले और इसके अलावा शिवराज सरकार की तरफ से हर महीने दोनों भाई-बहन को 5 हज़ार रुपए भी मिलते हैं. 

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वनिशा बहुत मुश्किल से खुद को संभाल रही थी. अभी 11वीं में भी उसने 97 फीसदी अंक हासिल किए. फिलहाल वनिशा आईआईटी जाने के लिए जेईई परीक्षा की तैयारी कर रही है लेकिन इसी बीच उसके पिता के बकाया लोन का एक नोटिस झटके के रूप में आया जिसने इस नाबालिग टॉपर को परेशान कर दिया है.

वनिशा के पिता जीतेंद्र पाठक एलआईसी एजेंट थे और उन्होंने ऑफिस से होम लोन लिया था. लेकिन मई 2021 में वंशिका की मां और पिता दोनों कोरोना से जंग हार गए और चल बसे. इसके बाद से जो होम लोन वनिशा के पिता ने लिया था उसकी किश्त नहीं दी जा सकी क्योंकि वनिशा नाबालिग है, इसलिए एलआईसी ने उसकी सारी बचत और हर महीने मिलने वाले कमीशन को रोक दिया.

वनिशा ने LIC को लिखा पत्र

वनिशा को झटका तब लगा जब फरवरी 2022 में उसके पिता के लिए होम लोन के ब्याज समेत 29 लाख 29 हज़ार रुपए का नोटिस मिला. वनिशा ने LIC को पत्र भी लिखा है. कहा गया है कि वो अभी नाबालिग है अगले साल बालिग होगी तब तक उन्हे किश्त चुकाने का समय दिया जाए क्योंकि वह नाबालिग है और पिता की पॉलिसी का क्लेम और मासिक कमीशन रुके होने की वजह से सभी आर्थिक और वित्तीय आय स्रोत बंद हो चुके है.

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वनिशा के मुताबिक उसके पास आय का कोई दूसरा साधन नहीं है ऐसे में वह लोन तभी चुका सकेगी जब वह 18 साल की हो जाए. इसके अलावा लोन पर लिया जा रहा ब्याज माफ किया जाए.

वनिशा की मां का 4 मई 2021 को कोरोना से निधन हो गया था और 15 मई को पिता ने भी कोरोना की वजह से दम तोड़ दिया था. विडंबना देखिए कि जिस घर के लिए वनिशा के पिता ने होम लोन लिया था उसका गृह प्रवेश भी वह नहीं कर सके और दुनिया से चले गए.

इस बारे में आजतक ने एलआईसी के विकास अधिकारी संजय बर्नवाल से फोन पर बात की थी. उन्होंने आश्वासन दिया कि वनिशा को यह नोटिस फरवरी 2022 में मिला था और जैसे ही उनके संज्ञान में यह आया को एलआईसी के वरिष्ठ अधिकारियों को इस बारे में अवगत कराया गया और नोटिस को ब्लॉक कर दिया गया.

तब से लेकर अब तक वनिशा को कोई नोटिस नहीं मिला और उसके बालिग होने तक उसे नोटिस नहीं मिलेगा. हालांकि कोरोना की विभीषिका में अपने माता-पिता को खो चुकी वनिशा बालिग होने के बाद भी इतनी बड़ी राशि कैसे चुकाएगी यह एक बड़ा सवाल है.

 

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