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आजाद की जन्मस्थली से पीएम ने समझाया आजादी का मतलब

मोदी बोले- कश्मीरी नौजवानों के हाथों में लैपटॉप, किताबें या कोई पेशेवर चीज की जगह बहका कर पत्थर थमा दिए गए हैं. देखकर पीड़ा होती है.

पीएम मोदी का 'मिशन एनएसजी' पीएम मोदी का 'मिशन एनएसजी'
लव रघुवंशी/संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 10 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 7:04 AM IST

आजादी के 70 साल पूरे होने के मौके पर केंद्र सरकार ने तिरंगा यात्रा शुरू की है. नौजवानों की टोली को प्रधानमंत्री ने तिरंगा देकर रवाना किया. ये टोली 500 किलोमीटर की यात्रा करेगी. जरा याद करो कुर्बानी के तहत इस तिरंगा यात्रा की औपचारिक शुरुआत हुई स्वाधीनता सेनानी शहीद चंद्रशेखर आजाद की जन्मस्थली भाबरा कस्बे से. मध्यप्रदेश में राजस्थान और गुजरात की सीमा से सटे अलिराजपुर जिले का एक आम सा कस्बा लेकिन खास धरोहर का गर्व लिए है.

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रिमझिम फुहार में भीगते भाबरा ने शायद पहली बार किसी प्रधानमंत्री को अपनी गलियों में देखा. प्रधानमंत्री आए, चन्द्रशेखर आजाद की कुटिया तक गए. कुटिया अब आजाद स्मृति मंदिर बन चुकी है. तीन अहातों वाला मंदिर. यहां बालक चंद्रशेखर का जन्म हुआ. यहां आजाद की आदमकद कांस्य प्रतिमा लगी है, वही मूंछें मरोड़ती, धीर गम्भीर!

कश्मीर के बच्चों के हाथों में पत्थर थमा दिए: PM
मोदी आए. फूल चढाए! फिर जनता से मिलने पहुंचे. आजाद के गांव में आजादी की बात की. बात आजादी के लिए तब के असली संघर्ष की और अब के खून खराबे वाले सिरफिरे संघर्ष की भी. मोदी बोले- कश्मीरी नौजवानों के हाथों में लैपटॉप, किताबें या कोई पेशेवर चीज की जगह बहका कर पत्थर थमा दिए गए हैं. देखकर पीड़ा होती है. कश्मीर धरती का स्वर्ग. हर आदमी की हसरत होती है जीवन में एक बार जरूर कश्मीर जाए. लेकिन अपनी राजनीति करने वालों ने नौजवानों को बरगला कर कश्मीरियत पर दाग लगा दिए. जब आजादी का संघर्ष हुआ तो सबने मिलकर पूरे भारत को आजाद कराने के लिए भारतवासियों ने कुर्बानियां दीं, इसमें कश्मीर और कश्मीरियत भी शामिल है.

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10 मिनट कश्मीर पर बोले पीएम
पीएम ने कहा कश्मीर में बेहाली से पर्यटन चौपट हुआ, फसलें और नस्लें खराब हो रही हैं. सवा सौ करोड़ भारतीय एक साथ मिलकर कश्मीर को आगे बढ़ाएंगे. कश्मीर को फिर धरती का स्वर्ग बनाएंगे. पीएम ने 35 मिनट के भाषण में 10 मिनट कश्मीर पर बोलकर संदेश भी दिया और देश को आजादी का पाठ भी पढ़ाया.

बंदूक की जगह कंधे पर हल रखो: PM
पीएम मोदी ने आजादी के दूसरे पैरोकारों से भी कहा कि माओवाद या अन्य वाद कहीं नहीँ ले जाते. कंधे पर बंदूक की जगह हल रख लो. लाल जमीन हरी भरी हो जाएगी. युवाओं को देश के लिए कुछ कर गुजरने की सीख देते हुए मोदी ने कहा देश के लिए जान देने का दौर तो आजादी मिलने के साथ चला गया. अब तो देश के लिए जीने का समय है. जनता की पीड़ा, सपने और सुविधा के लिए जीने का समय है.

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