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पीएम मोदी बोले- पहले गरीब पीछे-पीछे दौड़ता था, अब सरकार जा रही उनके पास

पीएम मोदी ने कहा कि पहले गरीब सरकार के पीछे दौड़ता था, अब सरकार लोगों के पास जा रही है. अब किसी की इच्छा के अनुसार लिस्ट में नाम जोड़ा या घटाया नहीं जा सकता. चयन से लेकर निर्माण तक वैज्ञानिक और पारदर्शी तरीका अपनाया जा रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो-PTI) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो-PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 3:45 PM IST
  • एक लाख 75 हजार आवासों का उद्घाटन
  • 2022 तक हर परिवार को घर देने का लक्ष्य
  • गृह निर्माण में अपनाई जा रही पारदर्शिता-मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण को गरीबों को आत्मविश्वास देने वाली योजना करार दिया. प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश में इस योजना के तहत बने एक लाख 75 हजार आवासों का उद्घाटन करने के बाद कहा कि यह सिर्फ मकान बनाने की योजना नहीं है बल्कि इसका मकसद गरीब को ताकतवर बनाना है.

प्रधानमंत्री ने कहा, योजना का मकसद है गरीब लोग घर, बिजली, पानी, ईंधन जैसी रोजमर्रा की जद्दोजहद से बाहर निकलकर अपने भविष्य और प्रगति पर ध्यान लगाएं. प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीब मेहनत करने के बाद जब रात में थका हुआ घर पहुंचे तो चैन की नींद सोए और अगले दिन फिर तरोताजा होकर काम परनिकल पड़े. गरीबी को पराजित करना है, गरीबी से बाहर निकलना है तो गरीबी से मुक्ति पाने का सबसे बड़ा रास्ता है गरीब को ताकतवर बनाने का. गरीब को अपनी लड़ाई लड़ने की ताकत मिल रही है, उसका परिणाम भी नजर आने लगा है.

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पीएम मोदी ने कहा कि 2022 तक देश के हर परिवार को घर देने के लक्ष्य की दिशा में यह एक और महत्वपूर्ण कदम है. प्रधानमंत्री आवास योजना - ग्रामीण के तहत तैयार किए गए ये घर इस बात का सबूत हैं कि कोरोना महामारी भी विकास कार्यों में बाधक नहीं बन सकी है.

पीएम ने कहा कि आज मध्य प्रदेश के लाभार्थियों को अपना पक्का घर मिला है, अपने सपनों का घर मिला है. एक नया विश्वास आपके मन में पैदा हुआ है. मध्य प्रदेश के 1.75 लाख ऐसे परिवार जो अपने घर में आज प्रवेश कर रहे हैं, उन सभी को मैं बधाई और शुभकामनाएं देता हूं. 

प्रधानमंत्री ने बताया कि मुझे कई बार लोग पूछते हैं कि घर तो पहले भी गरीबों के लिए बनते थे. वैसे दशकों से गरीबों के लिए घर बनाने की योजनाएं चल रही हैं. लेकिन करोड़ों गरीबों को घर देने का लक्ष्य था, वो कभी पूरा नहीं हो पाया. पीएम ने कहा कि पहले गरीब सरकार के पीछे दौड़ता था, अब सरकार लोगों के पास जा रही है. अब किसी की इच्छा के अनुसार लिस्ट में नाम जोड़ा या घटाया नहीं जा सकता. चयन से लेकर निर्माण तक वैज्ञानिक और पारदर्शी तरीका अपनाया जा रहा है.

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