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मध्य प्रदेश में 100 के पार पहुंची पेट्रोल की कीमत, केंद्र सरकार झाड़ चुकी है पल्ला

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को राज्यसभा में दो टूक कहा कि केंद्र सरकार कुछ नहीं कर सकती. क्योंकि कीमतें पेट्रोलियम कंपनियां तय कर कर रही हैं और यह क्रूड की अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर निर्भर करती हैं.

आसमान छू रही हैं पेट्रोल की कीमतें (सांकेतिक फोटो) आसमान छू रही हैं पेट्रोल की कीमतें (सांकेतिक फोटो)
aajtak.in
  • भोपाल,
  • 14 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 8:12 AM IST
  • मध्य प्रदेश में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये के पार
  • राज्य सरकार के बजट से लोगों की बढ़ी उम्मीदें
  • पूरे देश में आसमान छू रही हैं पेट्रोल-डीजल की कीमतें

पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं. वहीं मध्य प्रदेश में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये के पार पहुंच गई है. राजधानी भोपाल में पावर पेट्रोल की कीमत 100 रुपये 4 पैसे प्रति लीटर हो गई है. जबकि सामान्य पेट्रोल की कीमत 96 रुपये प्रति लीटर के पार पहुंच गई है.

डीजल की कीमत भी 86 रुपये 84 पैसे हो गई है. इसके साथ ही मध्य प्रदेश सबसे अधिक दाम पर पेट्रोल बेचने वाला राज्य बन गया है. 

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लगातार 5वें दिन कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की है. इस कारण सादा पेट्रोल की कीमत 33 पैसे और डीजल की 40 पैसे प्रति लीटर बढ़ गई है. इस साल के 44 दिनों में 17वीं बार पेट्रोल-डीजल के भाव बढ़े हैं. शनिवार सुबह पेट्रोल के दाम 96.39 रुपए, प्रीमियम पेट्रोल के दाम 100.04 रुपए और डीजल के दाम 86.86 रुपए प्रति लीटर पहुंच गए थे. 

लोगों को उम्मीद है कि मध्य प्रदेश सरकार पेट्रोल-डीजल के दाम को लेकर इस बार के बजट में कुछ राहत दे सकती है. प्रदेश सरकार अपना टैक्स कुछ कम कर सकती है. क्योंकि केंद्र सरकार की तरफ से इसे कम करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया है. 

केंद्र सरकार ने खड़े किए हाथ 

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को दो टूक कहा कि केंद्र सरकार कुछ नहीं कर सकती. क्योंकि कीमतें पेट्रोलियम कंपनियां तय कर कर रही हैं और यह क्रूड की अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर निर्भर करती हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र के अलावा राज्य सरकारें भी अपनी विकास की जरूरत के मुताबिक टैक्सेज बढ़ाती रही हैं.

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इससे पहले राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान कई दलों के सांसदों ने यह मसला उठाया था. टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने कहा कि सरकार को टैक्सेज में कटौती करनी चाहिए. इसके जवाब में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि तेल की कीमतें सिर्फ केंद्र सरकार के टैक्सेज पर नहीं बल्कि राज्य सरकारों के टैक्स और अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर निर्भर करती हैं. इसकी कीमतें बाजार के आधार पर तय होती हैं. 

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के अलावा राज्य सरकारें भी अपनी विकास की जरूरत के मुताबिक टैक्सेज बढ़ाती रही हैं. सरकारी तेल कंपनियों को आजादी दी गई है दाम तय करने को लेकर. भारत 85 फीसदी अपने खपत का कच्चा तेल आयात करता है.

उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें जनकल्याण की योजना के लिए कमिटेड हैं, जिसके चलते पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लगाया जाता है क्योंकि ये माध्यम रहा है और सभी पार्टी की सरकारें ऐसा करती आई हैं. पेट्रोल-डीजल पर केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी लगाती है तो राज्य सरकारें भी वैट वसूलती हैं. उन्होंने कहा कि पिछले 300 दिनों में 60 दिन पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़े हैं तो 21 दिन पेट्रोल के, 7 दिन डीजल के दाम घटे भी है. 

समाजवादी पार्टी के सांसद विश्वंभर प्रसाद निषाद ने पेट्रोलियम मंत्री से पूछा, 'सीता माता की धरती नेपाल में पेट्रोल-डीजल भारत से सस्ता है, रावण के देश श्रीलंका में भारत से कम कीमत है तो क्या राम के देश में सरकार पेट्रोल-डीजल के दाम कम करेगी?'

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इस पर पेट्रोलियम मंत्री ने जवाब दिया कि इन देशों के साथ भारत की तुलना करना गलत है क्योंकि वहां समाज के कुछ खास वर्गों को ही यह मिल पाता है. इन देशों में केरोसिन ऑयल 57 रुपये प्रति लीटर है, जबकि भारत में यह 32 रुपये प्रति लीटर है. कांग्रेस सदस्य के.सी. वेणुगोपाल ने मंत्री की प्रतिक्रिया पर आपत्ति जताते हुए कहा कि वह तथ्यों को ठीक से नहीं बता रहे हैं.


 

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