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मध्य प्रदेश में भी SC/ST कानून का विरोध, सड़कों पर उतरे सवर्ण

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक है. उससे पहले सवर्णों का विरोध बीजेपी सरकार पर भारी पड़ सकता है. हालांकि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आश्वासन दिया है कि कानून का कतई दुरुपयोग नहीं होगा लेकिन सवर्ण अपने विरोध से टस-मस होते नहीं दिख रहे.

विरोध प्रदर्शन की प्रतीकात्मक तस्वीर विरोध प्रदर्शन की प्रतीकात्मक तस्वीर
रविकांत सिंह
  • भोपाल,
  • 03 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 11:25 AM IST

केंद्र सरकार की ओर से अभी हाल में पारित संशोधित दलित कानून (एससी-एसटी एक्ट) के विरोध में देश के कई राज्यों में आवाज उठने लगी है. सोमवार को मध्य प्रदेश में सवर्णों का हुजूम सड़कों पर उतरा और अपना विरोध दर्ज कराया. यूपी के कई हिस्सों में भी विरोध की खबरें हैं. कुछ दिन पहले बिहार के कई जिलों में सवर्णों ने खुलेआम विरोध प्रदर्शन कर नाराजगी जाहिर की थी.

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मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं. उसके पहले सवर्णों का विरोध काफी अहम माना जा रहा है. यहां अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा और क्षत्रिय महासभा ने बीजेपी के खिलाफ खुलकर विरोध शुरू कर दिया है. चूंकि केंद्र और मध्य प्रदेश दोनों जगह बीजेपी की सरकार है, इसलिए इस कानून का ठीकरा इस पार्टी पर फोड़ते हुए महासभा ने बीजेपी को हराने का संकल्प तक ले लिया है.

उधर, अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमर सिंह भदौरिया ने कहा कि अगले विधानसभा चुनाव में संगठन बीजेपी का खुलकर विरोध करेगा और लोगों से इसके खिलाफ वोट देने की अपील करेगा. भदौरिया ने कानून में केंद्र सरकार की ओर से लाए गए बदलाव को गलत ठहराते हुए कहा कि इससे सामान्य वर्ग के हितों को गहरी चोट पहुंची है.

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अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा की भी कुछ ऐसी ही शिकायत है. महासभा ने एलान किया है कि वह चुनाव आते-आते हर जिले में बीजेपी उम्मीदवारों का विरोध करेगी. महासभा की योजना अलग-अलग राज्यों में विधानसभा घेराव की भी है.

यूपी में भी विरोध

यूपी के फिरोजाबाद में रविवार को सवर्णों ने इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया. भारतीय सवर्ण महासभा ने कोटला रोड बंबा चौराहे पर केंद्र सरकार का पुतला फूंका. यहां भारतीय सवर्ण महासभा के प्रदेश अध्यक्ष संजीव उपाध्याय ने कहा कि 22 फीसदी लोगों को खुश करने के लिए केंद्र सरकार ने 78 फीसदी लोगों के साथ अन्याय किया है. इस कानून का दुरुपयोग कर लोगों का उत्पीड़न होगा. बिना किसी जांच के सवर्णों का जेल जाने का खतरा बढ़ जाएगा.

बिहार में हो चुका है प्रदर्शन

अभी हाल में बिहार में इस कानून के खिलाफ सवर्ण सड़कों पर उतरे थे. गया, बेगूसराय, नालंदा और बाढ़ जिलों में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. गया में सड़कों पर जाम हटाने गई पुलिस पर उग्र लोगों ने हमला कर दिया. कहीं-कही से पथराव की भी खबर थी. सवर्ण सड़कों पर उतर कर दलित कानून के विरोध में सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते दिखे.

गया में इस कानून के विरोध में सवर्णों ने मानपुर में बाजार-हाट बंद करा दिए. यहां सड़क जाम कर रहे लोगों के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई की और कहीं-कहीं लाठीचार्ज की भी खबर थी. बेगूसराय में लोगों ने नगर थाना के काली स्थान चौक, हेमरा चौक और मुफसिल थाना क्षेत्र के मोहनपुर-राजौरा सड़क को जाम कर दिया. गुस्साए लोग टायर जलाकर प्रदर्शन करते दिखे. लखीसराय में भी आरक्षण और दलित कानून के विरोध में लोगों में नाराजगी दिखी.

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