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राइट टू वॉटर एक्ट लागू करने वाला पहला राज्य बनेगा मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुखदेव पांसे ने कहा कि MP देश का ऐसा पहला राज्य होगा, जहां पानी का अधिकार कानून लागू होगा. पानी का अधिकार कानून में पानी की बर्बादी को रोकने के कड़े प्रावधान होंगे.

पानी के लिए बनेगा कानून (प्रतिकात्मक तस्वीर-IANS) पानी के लिए बनेगा कानून (प्रतिकात्मक तस्वीर-IANS)
रवीश पाल सिंह
  • भोपाल,
  • 23 जून 2019,
  • अपडेटेड 7:52 AM IST

मध्य प्रदेश में पानी का अधिकार कानून (Right to water Act) लागू किया जाएगा. भोपाल के मिंटो हॉल में 24 जून को एक सेमीनार का आयोजन किया जाएगा, जिसमें देशभर से पर्यावरणविदों, जलशास्त्री राजेंद्र सिंह और कानून के जानकार संजय उपाध्याय को बुलाया गया है. इस बैठक में जल स्तर को बढ़ाने और जल संरक्षण पर चर्चा होगी.

मध्य प्रदेश के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुखदेव पांसे ने शनिवार को कहा कि मध्य प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य होगा, जहां पानी का अधिकार कानून लागू होगा. पानी का अधिकार कानून में पानी की बर्बादी को रोकने के कड़े प्रावधान होंगे. पानी के अधिकार कानून के तहत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 55 लीटर पानी दिया जाएगा.

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सुखदेव पांसे ने कहा कि केंद्र सरकार के जल शक्ति विभाग की बैठक में प्रदेश के राइट टू वॉटर एक्ट प्लान का प्रस्ताव रखा गया. जिसपर केंद्र समेत तमाम प्रदेश की सरकारों ने सहमति जताते हुए उस पर काम करने की बात कही. पांसे ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सभी विभागों से पानी की बचत में सहयोग करने की अपील की है.

मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में जल संकट गहराया हुआ है. राज्य में कई जगहों पर तो लोगों को कई किलोमीटर का रास्ता तय करने के बाद ही पानी मिल रहा है. राज्य के बड़े हिस्से में नल-जल योजना असफल साबित हो रही है.

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