Advertisement

रायसेन: खाट पर लिटाकर गर्भवती को पार कराई नदी, पुल से ऊपर बह रहा पानी

सांची विकासखंड के ग्राम अम्वाड़ी के शक्ति टोला गांव के लोगों को हर साल बारिश के मौसम में परेशानी उठानी पड़ती है. गांव से निकलने वाली घोड़ा पछाड़ नदी ओवरफ्लो होने के चलते पुल से ऊपर बहने लगती है. गांव में अगर किसी की तबियत खराब हो जाए तो अस्पताल ले जाने के लिए नदी पार करनी पड़ती है.

प्रसूता को नदी पार कराते ग्रामीण प्रसूता को नदी पार कराते ग्रामीण
राजेश रजक
  • रायसेन,
  • 17 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 6:54 PM IST

मध्य प्रदेश के कई इलाकों में तेज बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर हैं. निचले इलाकों में बसे गांवों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है. नदियों के उफान पर होने के कारण गांवों का संपर्क मुख्य सड़क से कट जाता है. जिसके चलते ग्रामिणों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है. रीवा जिले के गांव शक्ति टोला से ऐसे ही तस्वीर सामने आई जहां गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए खाट ( चारपाई) के जरिए नदी पर बने पुल को पार किया गया. क्योंकि, बारिश के कारण नदी ओवर फ्लो होने के चलते पुल के ऊपर से बह रही है. 

Advertisement

सांची विकासखंड के ग्राम अम्वाड़ी के शक्ति टोला गांव में रहने वाली 22 वर्षीय महिला रिबोजा पत्नी आसिफ खान को बुधवार को प्रसव पीड़ा हुई लेकिन गांव के रास्ते में पड़ने वाली घोड़ा पछाड़ नदी के पुल के ऊपर से बहने के चलते रात में नहीं ले जा सके. फिर गुरुवार सुबह ग्रामीणों ने अपनी जान जोखिम में डालकर प्रसव पीड़िता को नदी पार पहुंचाया. यहां पर घोड़ा पछाड़ नदी उसपर बने पुल के तीन फीट ऊपर बह रही है.

रिबोजा को नदी के पार पहुंचाने के बाद 108 पर फोन कर एंबुलेंस बुलाई गई लेकिन घंटों तक एंबुलेंस का इंतजार करने के बाद वह नहीं पहुंची. तब निजी वाहन के जरिए रिबोजा को अस्पताल ले जाया गया. फिर रास्ते में एंबुलेंस मिल गई जिसके बाद रिबोजा को एंबुलेंस के जरिए  दीवानगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया. 

ठेकेदार की लापरवाही बनी मुसीबत

Advertisement

ग्रामीणों का कहना है कि ठेकेदार की लापरवाही के चलते गांव वालों के हर साल बारिश के मौसम में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. घोड़ा पछाड़ नदी पर जब पुल का निर्माण किया जा रहा था तो ठेकेदार ने पुल को नीचा बनाया. जिसका विरोध भी गांव वालों ने किया था लेकिन ठेकेदार ने एक ना सुनी. अब गांव वाले जान जोखिम में डालकर नदी पुल पार करने को मजबूर हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement