
बिहार चुनाव के बीच मध्य प्रदेश उपचुनाव की लड़ाई भी काफी दिलचस्प चल रही है. विवादित बयानों के बाद अब राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के प्रचार में आने से सियासी हल्कों में ट्विस्ट आ गया है. पायलट के एमपी में एंट्री होते ही ज्योतिरादित्य सिंधिया से जुड़ी सवालों की बौछार होने लगी है.
इसी कड़ी में कांग्रेस नेता सचिन पायलट से सवाल किया गया कि आपकी पार्टी के लोग बीजेपी में गए ज्योतिरादित्य सिंधिया को गद्दार कहकर संबोधित कर रहे हैं, इस पर आपका क्या कहना है. इस सवाल पर सचिन पायलट सीधा जवाब देने से बचते नजर आए हैं. पायलट ने कहा, ''मेरा विश्वास है कि हर कोई इसके लिए स्वतंत्र है कि वो किस पार्टी में रहना चाहते हैं और अंतत: जनता तय करती है कि सही कौन है और गलत कौन.''
यानी सचिन पायलट ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने के फैसले को स्वतंत्रता से जोड़कर जवाब दिया है. मगर, मध्य प्रदेश के बाकी कांग्रेस नेता जिस तरह चुनाव प्रचार में सिंधिया और उनके समर्थक विधायक जो कांग्रेस छोड़कर अब बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं उनकी जमकर आलोचना कर रहे हैं. इन नेताओं को गद्दार बताया जा रहा है, मगर सचिन पायलट ने ऐसी किसी भी टिप्पणी का समर्थन नहीं किया है और पार्टी बदलने के फैसले को व्यक्ति की स्वतंत्रता बताया है.
बता दें कि एमपी उपचुनाव में पायलट के आने से दिलचस्प मोड़ आ गया है. क्योंकि सिंधिया और पायलट दोनों पुराने दोस्त हैं. दोनों कांग्रेस के युवा चेहरे रहे हैं. इसी साल मार्च में सिंधिया अपने समर्थक विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गए थे, जिससे कमलनाथ की कांग्रेस सरकार गिर गई थी. दूसरी तरफ ऐसी ही कोशिश राजस्थान में सचिन पायलट की तरफ से अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ दिखाई दी थी, हालांकि पायलट उसमें सफल नहीं हो पाए थे. लिहाजा, अब वो कांग्रेस के प्रचारक के तौर पर दोस्त सिंधिया के गढ़ में प्रचार कर रहे हैं. एमपी में 28 विधानसभा सीटों पर 3 नवंबर को उपचुनाव होने हैं.