
मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में सावन के पहले सोमवार के दिन भारी संख्या में लोग ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने पहुंचे. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती जैसे दिग्गज भी महाकाल के दर्शन करने पहुंचे. उनके समर्थकों की भारी भीड़ भी मंदिर परिसर में नजर आई.
भले ही प्रशासन ने कोविड संकट को देखते हुए केवल 3,500 लोगों को महाकालेश्वर मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति दी है लेकिन भारी संख्या में लोग मंदिर में जुटे. यह अनुमति रजिस्ट्रेशन के जरिए दी जा रही है. प्रशासन के मुताबिक 7 बैच में लोगों को मंदिर में प्रवेश करने की इजाजत दी गई थी. फिर भी कोरोना संकट के इस दौर में इतनी बड़ी संख्या में लोगों का जुटना गंभीर सवाल खड़े करता है.
वीआईपी लोगों के आने और महाकाल के दर्शन करने की वजह से श्रद्धालुओं को बाहर ही रोक लिया गया था. यही वजह है कि भीड़ बढ़ गई. प्रशासन का भी ये मानना है कि लोगों की कोविड टेस्ट रिपोर्ट को चेक करना संभव नहीं था. वहीं महाकालेश्वर मंदिर में भगदड़ जैसी स्थिति मचने से कई महिलाएं और बच्चे घायल हो गए थे. सावन के पवित्र महीने के पहले सोमवार के दिन मंदिर में ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे.
मध्य प्रदेश से बाहर के लोग नहीं कर पाएंगे महाकाल के दर्शन, ये है वजह
भारी भीड़ की वजह से हुई अव्यवस्था
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती सोमवार को मंदिर के दर्शन करने वाले माननीयों की लिस्ट में शामिल थे. ऐसे में अतिरिक्त भीड़ का होना और सुरक्षा इंतजामों के चलते अव्यवस्था का होना इस दिन स्वाभाविक ही था.
महाकाल मंदिर में इसी घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में कई लोगों को धक्का-मुक्की करते हुए देखा जा रहा है, जिसकी वजह से भगदड़ जैसी स्थिति भी पैदा हो गई. यहां तक कि जिन पुलिसकर्मियों ने स्थिति पर काबू पाने की कोशिश की, उन्हें भी भीड़ में धक्का-मुक्की का शिकार होना पड़ा.
प्रतिबंधों के बाद भी बड़ी संख्या में दर्शन करने पहुंची भीड़
उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. मंदिर को बीते महीने उन लोगों के लिए खोला गया था, जिन्होंने एंटी कोविड वैक्सीन की कम से कम एक डोज ले ली है. मंदिर में उन्हें भी दर्शन करने की इजाजत है, जिनकी आरटी-पीसीआर टेस्ट निगेटिव है. जो यात्रा के 48 घंटे पहले कलेक्ट की गई हो. प्रतिबंधों के बाद भी बड़ी संख्या में भीड़ मंदिर पहुंची.
मंदिर में दर्शन कर सकेंगे केवल 3500 श्रद्धालु
प्रशासन ने मंदिर में सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक के बीच में सिर्फ 3,500 लोगों के आने की लिमिट रखी है. दो घंटे में केवल 500 लोगों के मंदिर परिसर में दाखिल होने की इजाजत दी गई है. ऐसा कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए किया गया है.
घटना पर क्या है जिला प्रशासन की प्रतिक्रिया?
उज्जैन के जिला कलेक्टर ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि अगले सोमवार को स्थिति सामान्य होगी. आशीष सिंह ने कहा कि यह सोमवार एक अपवाद था, लेकिन हम अगले सोमवार की योजना बनाएंगे और श्रद्धालुओं से सोशल डिस्टेसिंग का पालन कड़ाई से कराएंगे.