Advertisement

कमलनाथ सरकार के फैसले का शरद यादव ने किया विरोध- मीसा बंदियों की पेंशन बंद न हो

मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने मीसा बंदियों की पेंशन योजना अस्थाई रूप से बंद कर दिया है. सरकार लाभार्थियों की जांच कराने के बाद इसे फिर से लागू करेगी.

शरद यादव (फाइल फोटो-@SharadYadavMP) शरद यादव (फाइल फोटो-@SharadYadavMP)
आनंद पटेल
  • नई दिल्ली,
  • 03 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 2:18 PM IST

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा इमरजेंसी के दौरान मीसा कानून के तहत जेल में बंद आंदोलनकारियों को दी जा रही पेंशन रोकने के मामले में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बाद अब कांग्रेस के सहयोगी शरद यादव ने भी विरोध दर्ज कराया है. शरद यादव ने कहा है कि मीसा पेंशन बंद नहीं की जानी चाहिए बल्कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सही व्यक्तियों तक इसका लाभ पहुंचे.

Advertisement

आजतक से बातचीत में लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव ने कहा कि कमलनाथ सरकार को पूर्व की बीजेपी सरकार द्वारा दी जा रही मीसा पेंशन बंद नहीं करनी चाहिए. लेकिन सरकार को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि इसका लाभ सही लोगों तक पहुंचे. उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व की बीजेपी सरकार उन लोगों को भी पेंशन दे रही थी जिन लोगों ने आपातकाल के दौरान माफी मांगी थी.

शरद यादव ने कहा कि सरकार द्वारा लाभार्थियों की छानबीन करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि वे स्वयं इस दौरान 4 साल जेल में बंद रहे, लेकिन कभी भी पेंशन का दावा नहीं किया.

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश सरकार के इस फैसले के बाद तमाम राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. ऐसी ही एक प्रतिक्रिया में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इससे संबंधित खबर साझा करते हुए ट्वीट में लिखा, 'इंदिरा गांधी के 'तीसरे बेटे' ने उन लोगों की पेंशन बंद कर दी जिन्होंने आपातकाल के दौरान भारत के सबसे काले दिनों में लोकतांत्रिक मूल्यों की लड़ाई लड़ी.'

Advertisement

वहीं, मध्य प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद राकेश सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा कि आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की रक्षा हेतु तत्कालीन अत्याचारी शासन के विरुद्ध आवाज उठाने वाले लोकतंत्र सेनानियों को मिलने वाली पेंशन पर रोक लगाकर मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार लोकतंत्र का अपमान कर रही है.

आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में मीसा बंदियों की पेंशन को कमलनाथ सरकार ने अस्थाई तौर पर बंद कर दिया है. 29 दिसंबर, 2018 को जारी शासनादेश में कहा गया है कि जिन्हें पेंशन मिलती है उसकी जांच के बाद इसे फिर से शुरू किया जाएगा. सामान्य प्रशासन विभाग ने इसकी वजह पेंशन पाने वालों का भौतिक सत्यापन और पेंशन वितरण की प्रकिया को अधिक पारदर्शी बनाना बताया है. और इसके लिए सीएजी की रिपोर्ट को आधार बनाया गया.

मध्य प्रदेश की पूर्व बीजेपी सरकार में लोकनायक जयप्रकाश नारायण सम्मान निधि नियम के तहत कुल 2000 से ज्यादा मीसाबंदी 25 हजार रुपये मासिक पेंशन ले रहे हैं. साल 2008 में शिवराज सरकार ने मीसा बंदियों को 3000 और 6000 पेंशन देने का प्रावधान किया. बाद में पेंशन राशि बढ़ाकर 10000 रुपये की गई. साल 2017 में मीसा बंदियों की पेंशन राशि बढ़ाकर 25000 रुपये की गई.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement