
मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का राज खत्म होने के बाद पिछले 13 साल से महीने के पहले कामकाजी दिन वंदे मातरम् गाने की रवायत कांग्रेस सरकार में नए साल के पहले दिन नहीं दोहराई गई. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले पर एक बाद एक कई ट्वीट किए जिसमें उन्होंने लिखा, 'अगर कांग्रेस को राष्ट्र गीत के शब्द नहीं आते हैं या फिर राष्ट्र गीत के गायन में शर्म आती है, तो मुझे बता दें. हर महीने की पहली तारीख को वल्लभ भवन के प्रांगण में जनता के साथ वंदे मातरम् मैं गाऊंगा.'
दरअसल मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने हर महीने के पहले कामकाजी दिन में 'वंदे मातरम्' गाने की यह व्यवस्था शुरू की थी. लेकिन साल 2019 के पहले कामकाजी दिन पर राष्ट्रगीत नहीं गाया गया. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट में लिखा, 'कांग्रेस शायद यह भूल गई है कि सरकारें आती हैं, जाती हैं लेकिन देश और देशभक्ति से ऊपर कुछ नहीं है. मैं मांग करता हूँ कि वंदे मातरम् का गान हमेशा की तरह हर कैबिनेट की मीटिंग से पहले और हर महीने की पहली तारीख को हमेशा की तरह वल्लभ भवन के प्रांगण में हो.'
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आगे ट्वीट में लिखा, 'अगर कांग्रेस को राष्ट्र गीत के शब्द नहीं आते हैं या फिर राष्ट्र गीत के गायन में शर्म आती है, तो मुझे बता दें. हर महीने की पहली तारीख को वल्लभ भवन के प्रांगण में जनता के साथ वंदे मातरम् मैं गाऊंगा.'
शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस को याद दिलाते हुए अपने ट्वीट में लिखा, 'मध्यप्रदेश में बीजेपी सरकार ने वंदे मातरम् का गान हर सप्ताह कैबिनेट मीटिंग से पहले सभी मंत्रियों द्वारा किया जाता था और हर महीने की पहली तारीख को वल्लभ भवन के प्रांगण में वंदे मातरम् गान में सभी कर्मचारी और अधिकारी गण उपस्थित रहते थे.'
शिवराज ने काग्रेस सरकार में इस परंपरा के खत्म होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए ट्वीट में लिखा, 'वंदे मातरम् के कारण लोगों के हृदय में प्रज्वलित देशभक्ति की भावनाओं में नयी ऊर्जा का संचार होता था. अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस की सरकार ने यह परंपरा आज तोड़ दी. पहली तारीख़ को वंदे मातरम् नहीं गाया गया!'
हालांकि, कमलनाथ की अगुवाई में कांग्रेस सरकार ने 'वंदे मातरम्' बंद करने का कोई आदेश जारी नहीं किया है. वहीं बीजेपी का आरोप है कि कमलनाथ के राज में सरकारी कर्मचारियों के वंदे मातरम् गाने पर रोक लगा दी गई है.