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सरकारी दफ्तरों में संघ की शाखा! शिवराज बोले- कोई रोक कर दिखाए

संघ को लेकर एक बार फिर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में आर-पार है. कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में संघ पर बैन लगाने की बात की है.

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (फाइल फोटो) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (फाइल फोटो)
मोहित ग्रोवर/रवीश पाल सिंह
  • भोपाल,
  • 13 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 11:13 AM IST

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में इन दिनों जिस मुद्दे पर सबसे अधिक बहस चल रही है वह है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर बैन लगाने की बात. इसी मुद्दे पर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी आमने-सामने हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस के घोषणा पत्र पर हमला करते हुए कहा कि संघ की शाखाएं सरकारी कार्यालयों में भी लगेगी.

कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में वादा किया है कि वह सरकारी स्थानों में आरएसएस की शाखाओं पर बैन लगाएगी. जिस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पलटवार किया है.

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मुख्यमंत्री शिवराज ने कांग्रेस पर हमला करते हुए खरगोन में कहा कि संघ की शाखाएं सरकारी कार्यालयों में भी लगेगी और सरकारी कर्मचारी भी आरएसएस की शाखा में हिस्सा लेंगे. कोई इस पर रोक नहीं लगा सकता.

शिवराज सोमवार को खरगोन जिले में एक चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचे थे. जब पत्रकारों ने उनसे कांग्रेस के घोषणापत्र से जुड़ा सवाल पूछा तो जवाब में शिवराज ने उक्त बयान दिया. उन्होंने कहा कि संघ के हर आयोजन में सभी को जाने की अनुमति आगे भी जारी रहेगी.

बड़वाह विधानसभा क्षेत्र के बेड़िया में बीजेपी उम्मीदवार के समर्थन में चुनावी सभा करने आए मुख्यमंत्री शिवराज ने संघ को देशभक्तों का संगठन बताया और कहा कि सरकारी कर्मचारी ही नहीं, हर देशभक्त संघ की शाखा में जा सकता है. चौहान ने कहा, 'मैंने ही संघ की शाखा मे जाने का प्रतिबंध हटाया था. कांग्रेस अहंकार में जी रही है, संघ के हर आयोजन मे सभी को जाने की आगे भी छूट रहेगी.'

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संविधान की मर्यादा भंग कर रहे CM

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बयान के बाद कांग्रेस के मध्य प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा कि बीजेपी मुद्दे से हटकर नॉन इश्यू पर बात कर रही है और वह ऐसा बयान देकर संविधान की मर्यादा को भंग कर रहे है. उन्होंने कहा कि बीजेपी संविधान के साथ खेल रही है क्योंकि कोई भी सरकारी कर्मचारी राजनीतिक पार्टी के सदस्य नहीं रह सकते.

उन्होंने आरोप लगाया कि जब बीजेपी के पास बिजली, किसान, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से जुड़े सवालों का जवाब देने की हिम्मत नहीं बची तो वो इस तरह की बातों को मुद्दा बना रही है.

कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में शासकीय भवनों में आरएसएस की शाखा और सरकारी कर्मचारियों के शाखा में जाने पर बैन की बात लिखी थी जिसे बीजेपी ने चुनाव से ठीक पहले एक बड़ा मुद्दा बना लिया है. हालांकि कांग्रेस इस पर सफाई दी चुकी है लेकिन लगता नहीं है कि बीजेपी इसके सहारे कांग्रेस को घेरने का कोई मौका छोड़ना चाहती है.

ज्योतिरादित्य की सफाई

इस बीच, जिले में चुनाव प्रचार करने आए कांग्रेस की प्रदेश चुनाव प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस मुद्दे पर कहा कि धर्म को राजनीति में नहीं लाना चाहिए. हमारा मकसद है राजनीति को धर्म से दूर रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी भी राजनीतिक संगठन से नहीं जुड़े, इसलिए कांग्रेस ने इस मुद्दे को वचन पत्र में शामिल किया है.

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आपको बता दें कि मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा सीट पर इस महीने की 28 तारीख को वोट डाले जाएंगे. चुनाव के नतीजे 11 दिसंबर को अन्य राज्यों के साथ आएंगे.

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