
India Today के ईवेंट State of the States Madhya Pradesh First की शुरुआत शनिवार भोपाल से हुई. इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत कई दिग्गजों ने हिस्सा लिया. 'मध्य प्रदेश रणजी चैंपियन कैसे बना' इसपर चर्चा के लिए, मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष अभिलाष खांडेकर, मध्य प्रदेश क्रिकेट टीम के कोच चंद्रकांत पंडित और मध्य प्रदेश क्रिकेट टीम के कैप्टन आदित्य श्रीवास्तव ने शिरकत की और अपने विचार साझा किए.
पत्रकार कौशिक डेका ने बताया कि कोच चंद्रकांत पंडित की कहानी किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं है जिन्होंने मध्यप्रदेश को पहली बार रणजी ट्रॉफी दिलाई. उन्होंने अभिलाष खांडेकर से सवाल किया कि उनके लिए चंद्रकांत पंडित को कोच के तौर पर लेने का फैसला कितना कठिन था.
चंद्रकांत पंडित को कोच बनाने का फैसला कितना कठिन था?
इसपर अभिलाष खांडेकर ने कहा कि दोनों ही बातें थी, ये फैसला जितना कठिन था उतना असान भी था. चंद्रकांत पंडित मध्यप्रदेश की टीम के कप्तान थे. कई संस्थाएं उन्हें लेने के बारे में सोच रही थीं. तो हमने उनके चारों ओर फील्डिंग करनी शुरू कर दी. हमें खुशी थी कि उन्होंने बिना किसी शर्त के हमारे ऑफर को स्वीकार किया. उन्होंने यह भी कहा कि कोविड के दौरान कोच मुंबई से भी खिलाड़ियों के साथ कॉर्डिनेट करते रहे और अपना काम करते रहे.
रणजी ट्रॉफी जीतने के पीछे क्या जादू था?
चंद्रकांत पंडित ने 6 रणजी ट्रॉफी जीतीं, जिनमें 3 मुंबई के लिए 2 विदर्भ के लिए और अब एक मध्यप्रदेश के लिए जीती है. इसके पीछे क्या जादू था, इस सवाल पर चंद्रकांत पंडित ने कहा कि मुझे भी नहीं पता कि ये क्या था. मैं सिर्फ अपने कमिटमेंट और काम पर भरोसा करता हूं. ईश्वर का शुक्रिया करता हूं कि उन्होंने मुझे इस लायक बनाया, जबकि हर कोच इसी लक्ष्य को पाने के लिए काम करता है. उन्होंने कहा कि कोच कभी जगह को नहीं बनाते, बल्कि जगह कोच बनाती हैं. इस जीत के लिए सभी खिलाड़ियों की मेहनत है.
कोच चंद्रकांत थप्पड़ क्यों मारते हैं?
उन्होंने खुद पर सख्त होने के आरोपों और खिलाड़ियों को थप्पड़ मारने की बात पर कहा कि लोगों ने मेरी जो भी इमेज बनाई है मुझे नहीं पता, लेकिन हां मैं थोड़ा स्ट्रिक्ट हूं और खेल में बहुत सी चीजों की ज़रूरत होती है जिसपर मैं समझौता नहीं करता. खिलाड़ी भी मेरा साथ देते हैं. जब हम खिलाड़ियों से उम्मीद लगाते हैं, तो अनुसाशन की भी उम्मीद रखते हैं. ये होना ही चाहिए. खेल की यही डिमांड होती है. यह बहुत ज़रूरी है. हालांकि, देश में जो भी खिलाड़ी मुझे जानता है कि वह यही कहता है कि ये खतरनाक आदमी है, लेकिन मुझे नहीं पता कि इसमें खतरनाक क्या है.
उन्होंने मध्य प्रदेश क्रिकेट टीम के कैप्टन आदित्य श्रीवास्तव की तारीफ करते हुए कहा कि कोच के तौर पर मैं कई कप्तानों से मिला हूं लेकिन आदित्य सबसे अच्छे हैं. यह टीम के बारे में सोचते हैं, चिंता करते हैं र मेरे लिए बहुत मददगार साबित हुए.
कोच की थप्पड़ वाली बात ओवररेटेड
मध्य प्रदेश क्रिकेट टीम के कैप्टन आदित्य श्रीवास्तव से पूछा गया कि कप को हाथ में उठाने पर कैसा महसूस किया. उन्होंने कहा कि उस वक्त मैं कुछ महसूस ही नहीं कर पा रहा था, मैं ब्लैंक हो गया था. हम जीत रहे थे, फिरभी मैं 5वें दिन बहुत नर्वस था. नॉर्मल होने के बाद मुझे महसूस होना शुरू हुआ. उन्होंने कहा कोच को लेकर थप्पड़ वाली बात को ओवर रेट किया गया है. इतना तो घर के बड़े भी करते हैं. एक-आध बार कभी ऐसा हुआ भी था, लेकिन हम सभी जानते थे कि उस वक्त उसी की ज़रूरत थी.
चंद्रकांत पंडित को 2 बार की आईपीएल चैंपियन टीम कोलकाता नाइटराइडर्स ने अपना हेड कोच बनाया है. इसपर उनसे पूछा गया कि आप कैसे किसी के इंटरफियरेंस में काम करेंगे. इसपर चंद्रकांत पंडित ने कहा कि ये हमपर निर्भर करता है कि वह सजेशन है यै फिर इंटरफियरेंस. कोई भी आपसे तभी कहता है जब वह टीम के लिए कंसर्न लेता है. हालांकि ये सब चीजें मुझे परेशान करने वाली नहीं हैं.
मध्य प्रदेश क्रिकेट टीम के कैप्टन आदित्य श्रीवास्तव से पूछा गया कि आप कोच चंद्रकांत में क्या बदला चाहते हैं तो उन्होंने कहा कि कोच बहुत फोकस्ड हैं. हालांकि, अगर ये थोड़ा हंसे-मुस्कुराएं तो बेहतर होगा.