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State of the States Madhya Pradesh: युवाओं की उम्र बढ़ती जा रही है और उन्हें नौकरी नहीं मिल रही: मेयर विक्रम सिंह

State of the States Madhya Pradesh कार्यक्रम में युवाओं की बात की गई और मध्यप्रदेश के युवा क्या चाहते हैं इसपर बात की गई. युवाओं की बात करने के लिए मध्यप्रदेश के अचीवर्स मंच पर आए और उन्होंने अपनी सफलता की कहानी सुनाई साथ ही यह भी बताया कि उनके जीवन में बदलाव कैसे आया.

मध्यप्रदेश का युवा क्या चाहता है इसपर की गई चर्चा मध्यप्रदेश का युवा क्या चाहता है इसपर की गई चर्चा
aajtak.in
  • भोपाल,
  • 20 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 9:32 PM IST

India Today के ईवेंट State of the States Madhya Pradesh First की शुरुआत शनिवार भोपाल से हुई. इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत कई दिग्गजों ने हिस्सा लिया. मध्यप्रदेश का युवा क्या चाहता है इसपर चर्चा के लिए छिंदवाड़ा के मेयर विक्रम सिंह अहाके, भारतीय पुरुष हॉकी टीम के सदस्य और ओलंपिक और राष्ट्रमंडल पदक विजेता विवेक सागर, उमंगश्रीधर डिजाइन की संस्थापक उमंग श्रीधर, जहाननुमा पैलेस होटल के निदेशक अली राशिद ने शिरकत की.

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मध्यप्रदेश का युवा क्या चाहता है?

पत्रकार सौरभ द्विवेदी ने सवाल किया कि मध्यप्रदेश का युवा क्या चाहता है. इसपर छिंदवाड़ा के मेयर विक्रम सिंह अहाके ने कहा कि मध्यप्रदेश के युवा अभी तो सिर्फ रोजगार चाहता है. वो मेहनत कर रहा है और सरकार उसकी मेहनत पर पानी फेर रही है. युवाओं की उम्र बढ़ती जा रहा है और उन्हें नौकरी नहीं मिल रही. 

आजकल खेलों में काफी काम हो रहा है

भारतीय पुरुष हॉकी टीम के सदस्य और ओलंपिक और राष्ट्रमंडल पदक विजेता विवेक सागर ने कहा कि आज स्पोर्ट्स काफी काम हो रहा है, पहले इसमें बढ़ावा नहीं मिलता था. उन्होंने कहा कि लोग अपने बच्चों को डॉक्टर और इंजीनियर ही बनाना चाहते थे. उन्होंने कहा कि असली हॉकी और चकदे इंडिया में थोड़ी समानता है, टीम बॉन्डिंग ऐसी ही होती है. कोच भी मोटिवेट करते हैं, लेकिन खिलाड़ी जब तक खुद नहीं चाहेंगे तब तक कुछ नहीं होता.

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खादी फैशन कम, सोच ज्यादा है

उमंगश्रीधर डिजाइन की संस्थापक उमंग श्रीधर खादी पर काम करती हैं. उन्होंने बताया कि उन्होंने ऐसा करके एक स्टीरियोटाइप को तोड़ा है. जात पात, छुआ-छूत, आदमी-औरत के बीच फर्क को उन्होंने बड़े करीब से देखा था. उन्होंने कहा कि वे गांव में पैदा हुईं और पली-पढ़ीं, उन्होंने कहा कि उनको विदेश जाने का मौका था लेकिन उन्होंने अपना गांव चुना, क्योंकि गांव को उनकी जरूरत थी. उन्होंने कहा कि खादी को प्रमोट करना जरूरी नहीं था, बल्कि खादी की सोच के साथ जुड़ाना जरूरी था, क्योंकि इससे महिलाओं को काम मिलता है. उन्होंने कहा कि खादी फैशन कम, सोच ज्यादा है.

मध्यप्रदेश में विकास की संभावनाएं बहुत थीं

जहाननुमा पैलेस होटल के निदेशक अली राशिद वाइल्ड लाइफ टूरिज़्म में काम करते हैं. उन्होंने कहा कि कनेडा में जब वे पढ़ते थे तो उन्होंने देखा कि वहां डेवलपमेंट हो चुका था, जबकि भारत में खासकर मध्यप्रदेश में विकास की संभावनाएं अभी भी बहुत थीं. वाइड लाइफ टूरिज़्म, रूरल बेस्ड टूरिज़्म लोगों को रोजगार देने का माध्यम बन गया. उनके साथ बैतूल जैसी जगहों पर काम करने वाले 90 प्रतिशत लोग आदिवासी हैं. 

जीवन में बदलाव कब आया?
 
विक्रम सिंह अहाके ने कहा कि उन्हें लोगों की शादियों में काम करने का मौका मिला, वहां उनके साथ अक्सर अपमान किया जाता. तब उन्होंने सोचा कि इसपर उन्हें काम करना होगा. उन्होंने कहा कि इस तरह की बातों से निकलना होगा, समानता की बात होनी चाहिए. उमंग श्रीधर ने कहा कि निर्भया कांड ने उन्हें बहुत झकझोर दिया था. वे एक महीने ठीक से सो नहीं पाईं, वे डिप्रेशन में चली गई थीं. इसके बाद उन्होंने दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर महिला सुरक्षा पर नुक्कड़ नाटक भी किए. तब उन्होंने महिलाओं के लिए और उनके साथ काम करने का फैसला किया.

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