
बुरहानपुर के बदनापुर में 9 जुलाई को आदिवासी और वन विभाग के बीच हुए संघर्ष का मामला अब गरमा गया है. गुरुवार को निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा के नेतृत्व में आदिवासियों का एक दल विधानसभा पहुंचा था. इस दौरान सीएम कमलनाथ जब अपने कार्यालय से सदन के भीतर जा रहे थे तो विधानसभा की लॉबी में निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा और उनके साथ आए आदिवासियों ने सीएम कमलनाथ को घेर लिया और उन्हें जमकर खरी-खोटी सुनाई.
आदिवासियों का आरोप था कि अन्य राज्यों से लोग आकर उनके जंगल में अतिक्रमण कर रहे हैं. लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.
दरअसल, बुराहनपुर के बदनापुर के वन भूमि से अतिक्रमण हटाने गए प्रशासन के संयुक्त अमले पर अतिक्रमणकारियों ने हमला कर अमले को भगा दिया था. हमला रोकने और जान बचाने के लिए वन-पुलिस अमले ने दो हवाई फायर भी किए जिसके बाद कमलनाथ सरकार पर विपक्षी बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस के ही दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी सवाल खड़े किए थे.
सीएम कमलनाथ के साथ जब आदिवासियों की गर्मागर्मी चल रही थी तब मंत्री उमंग सिंगार भी सीएम कमलनाथ के पास खड़े थे. उन्होंने घटना के लिए बाहरी लोगों को ज़िम्मेदार बताया और कहा कि, 'जो नेपानगर में हुआ अब उसमें कई लोग हैं जो स्थानीय आदिवासी हैं. मैंने भी दौरा किया है, स्थानीय आदिवासियों का कहना है कि बाहर के लोग जो आए हैं वो जिम्मेदार हैं.'
मंत्री ने कहा कि, 'यह स्थानीय आदिवासी हैं माननीय मुख्यमंत्री जी से मिलने आए थे और अपनी बात कहने आए थे कि हमारा भी जंगल है. मैं आदिवासियों से कहना चाहूंगा कि अगर आपके पास पट्टे का प्रमाण है तो पट्टा देंगे लेकिन उन्हें नहीं देंगे जो दूसरे राज्यों से आकर हमारे प्रदेश और देश को नुकसान पहुंचा रहे हैं.'
वहीं निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा ने कहा कि, 'आदिवासी बहुल इलाके में बाहर के लोग आकर हमारे क्षेत्र में जंगल काट रहे हैं. हम लोग उसका विरोध कर रहे हैं. उनकी एंट्री बंद करनी पड़ेगी. हमारे पेड़ों का नुकसान कर देंगे जो आने वाली पीढ़ी के लिए नुकसानदायक होगा. सरकार वनवासियों के साथ हैं. इनकी रक्षा के लिए पूरी कोशिश करेंगे कि कोई और घटना ना हो.'