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वंदे मातरम विवाद: अमित शाह बोले, मध्यप्रदेश को तुष्टिकरण का केंद्र बना रही है कांग्रेस

Madhya Pradesh Vande Mataram row भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम पर प्रतिबंध लगाने का कमलनाथ सरकार का फैसला अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक है.

अमित शाह ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक फैसला बताया (फोटो-फेसबुक) अमित शाह ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक फैसला बताया (फोटो-फेसबुक)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 5:11 PM IST

मध्यप्रदेश में वंदे मातरम को लेकर शुरू हुई राजनीति में अब भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी कूद पड़े हैं. शाह ने कांग्रेस पर हिंदुस्तान के दिल मध्यप्रदेश को तुष्टिकरण का केंद्र बनाने का आरोप लगाया. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर उन्होंने लिखा कि राष्ट्रीय गीत पर प्रतिबंध लगाने का कमलनाथ सरकार का यह फैसला अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक है.

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अमित शाह ने लिखा, ''वंदे मातरम मात्र एक गीत भर नहीं होकर यह भारत की स्वतंत्रता आन्दोलन का प्रतीक और प्रत्येक भारतीय का प्रेरणाबिंदु है. वंदे मातरम में सम्पूर्ण भारत की रागात्मक अभिव्यक्ति समाहित है. वंदे मातरम पर प्रतिबन्ध लगाकर कांग्रेस ने न सिर्फ देश की स्वाधीनता के लिए वंदे मातरम का जय घोष गाकर अपना सर्वस्व अर्पण करने वाले वीर बलिदानियों का अपमान किया है, बल्कि यह मध्य प्रदेश की जनता के साथ भी विश्वासघात है. किसी भी प्रकार की राजनीतिक सोच में देश के बलिदानियों का अपमान करना मेरे जैसे एक आम भारतीय की द्रष्टि में देशद्रोह के समान है.''

उन्होंने लिखा, ''वंदे मातरम किसी एक वर्ग विशेष का नहीं है बल्कि भारत की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राण आहूत करने वाले लाखों सेनानियों के त्याग का प्रतीक हैं और केवल एक वर्ग विशेष को खुश करने के लिए इसका अपमान करना बहुत ही दुख:द, शर्मनाक एवं देश की स्वतंत्रता का अपमान भी है.''

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से सवाल पूछते हुए अमित शाह ने लिखा, क्या वंदे मातरम के अपमान का निर्णय उनका है? कांग्रेस सरकार के इस दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय पर राहुल गांधी को देश की जनता के सामने अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए.

बता दें, मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने 13 साल की पुरानी परंपरा को खत्म करते हुए सचिवालय में महीने के पहले दिन वंदे मातरम नहीं गाया था. दरअसल, हर सप्ताह कैबिनेट मीटिंग से पहले सभी मंत्री और हर महीने की पहली तारीख को सचिवालय में सभी कर्मचारी और अधिकारी वंदे मातरम गाते हैं. इस बार साल 2019 के पहले कामकाजी दिन पर राष्ट्रगीत नहीं गाया गया.

इस पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि अगर कांग्रेस को राष्ट्रगीत गाने में शर्म आती है तो वह खुद सचिवालय में वंदे मातरम गाएंगे. इसका जवाब देते हुए कमलनाथ ने कहा कि जो वंदे मातरम् नहीं गाते हैं क्या वो देशभक्त नहीं हैं?

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