
महाराष्ट्र के जालना जिले में वन विभाग की टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पैंगोलिन (साल खाल वाला चींटीखोर) को अवैध रूप से बेचने की कोशिश करने वाले 6 तस्करों को गिरफ्तार किया है. इन आरोपियों को शनिवार को मंठा चौफुली इलाके से पकड़ा गया, जब वे 30 लाख रुपये में पैंगोलिन बेचने की योजना बना रहे थे.
दरअसल, वन विभाग को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ लोग दुर्लभ प्रजाति के पैंगोलिन को बेचने की फिराक में हैं. सूचना की पुष्टि करने के लिए वन विभाग की टीम ने एक फर्जी ग्राहक भेजा. जब सौदे की पुष्टि हो गई, तो वन विभाग ने मौके पर छापा मारकर 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. इस पूरी कार्रवाई का नेतृत्व वन अधिकारी के.डी. नागरगोजे ने किया.
पैंगोलिन तस्करी और इसके खतरनाक परिणाम
पैंगोलिन एक दुर्लभ और संरक्षित जीव है, जिसे वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची-1 में शामिल किया गया है. इसका मतलब है कि इसकी तस्करी और शिकार कानूनन अपराध है और इसके लिए कड़ी सजा का प्रावधान है. पैंगोलिन की खाल और मांस की तस्करी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर की जाती है, क्योंकि इसके शरीर के हिस्सों का इस्तेमाल पारंपरिक दवाओं में किया जाता है. इसके चलते यह जीव शिकारियों और तस्करों के निशाने पर रहता है.
वन विभाग की कार्रवाई जारी
वन विभाग के अनुसार, गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि वे इस तस्करी गिरोह से कब से जुड़े थे और पैंगोलिन को कहां से लाए थे. साथ ही, यह भी जांच की जा रही है कि इस तस्करी के पीछे कोई बड़ा गिरोह तो नहीं है. वन विभाग और पुलिस प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि यदि उन्हें किसी भी प्रकार की वन्यजीव तस्करी की सूचना मिले, तो तुरंत संबंधित विभाग को सूचित करें ताकि ऐसे अवैध कामों पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके.