
शिवसेना (उद्धव) नेता आदित्य ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को बड़ी चुनौती दी है. आदित्य ने कहा कि मैं असंवैधानिक मुख्यमंत्री (एकनाथ शिंदे) को मेरे खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ने की चुनौती देता हूं. मैं अपनी सीट से इस्तीफा दे दूंगा और उन्हें अपनी सीट से इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्हें (शिंदे) मेरे खिलाफ वर्ली से चुनाव लड़कर दिखाना चाहिए.
आदित्य ठाकरे ने न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा- अगर उन्हें (शिंदे) लगता है कि वो इतने लोकप्रिय और मजबूत हैं तो उन्हें सामने आना चाहिए और मेरी चुनौती स्वीकार करनी चाहिए. मैं असंवैधानिक मुख्यमंत्री (एकनाथ शिंदे) को मेरे खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ने की चुनौती देता हूं. उन्हें मेरे खिलाफ वर्ली से चुनाव लड़ना चाहिए.
सीएम निवास पर तैयार किया जाता है बीएमसी का बजट
आदित्य ने अपने बजट को लेकर बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) पर भी हमला किया. उन्होंने कहा- यह मुंबईकरों के लिए नहीं, बल्कि ठेकेदारों के लिए बजट है. यह एक ऐसा बजट है जिसे वर्षा बंगले (महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का आधिकारिक निवास) में तैयार किया जाता है और पढ़ने के लिए बीएमसी प्रशासक को सौंप दिया जाता है.
पिछले साल का कॉपी-पेस्ट है बीएमसी का बजट
शिवसेना नेता ने कहा कि अभी तक हम राज्य सरकार के कानूनी और नैतिक दिवालियापन के बारे में चिंतित थे लेकिन आज बीएमसी के बजट को देखकर मैं कह सकता हूं कि हम बीएमसी के वित्तीय दिवालियापन के बारे में ज्यादा चिंतित हैं. आदित्य ठाकरे ने कहा कि बीएमसी का बजट लगभग पिछले साल जैसा ही है और पिछले साल के बजट का 80 फीसदी कॉपी-पेस्ट है.
'विज्ञापनों में बाला साहेब की छोटी तस्वीर लगाई जाती'
आदित्य का कहना था कि हमारे समय में हम अपने नेताओं की तस्वीरें नहीं दिखाते थे लेकिन अब बीएमसी के हर विज्ञापन में दो तस्वीरों का प्रमुखता से इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यहां तक कि सरकारी विज्ञापनों में बालासाहेब ठाकरे की बहुत छोटी तस्वीर का इस्तेमाल किया जाता है.
'पिछले साल बगावत कर शिंदे ने छोड़ा था MVA का साथ'
बताते चलें कि एकनाथ शिंदे ने पिछले साल 30 जून को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. पिछले साल शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के एक गुट ने बगावत कर दी थी और महा विकास अघाड़ी (एमवीए) का साथ छोड़ दिया था. शिंदे गुट बाद में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के गठबंधन में शामिल हो गया था. तब से महाराष्ट्र में शिवसेना के दोनों गुटों के बीच इस बात को लेकर खींचतान चल रही है कि बाला साहेब ठाकरे की विरासत का असली उत्तराधिकारी कौन है.