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Maharashtra Political Crisis: बागी विधायकों को Aditya Thackeray का ऑफर, लौटने वालों का स्वागत है

Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र संकट के बीच लगातार दूसरे दिन आदित्य ठाकरे का बयान आया है, उन्होंने रविवार को बागी विधायकों पर जमकर निशाना साधा था तो वहीं सोमवार को कहा कि लौटने वाले विधायकों का स्वागत है.

आदित्य ठाकरे (File Photo) आदित्य ठाकरे (File Photo)
पंकज उपाध्याय
  • मुंबई,
  • 27 जून 2022,
  • अपडेटेड 4:52 PM IST
  • आदित्य बोले- बागियों को कभी न कभी तो मुंबई आना पड़ेगा
  • युवा सेना के साथ बैठक कर चुके हैं आदित्य ठाकरे

Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में सियासी संग्राम जारी है. राज्य की राजनीतिक लड़ाई अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. सोमवार को शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने बागी विधायकों को ऑफर दिया. उन्होंने कहा कि जो लौटना चाहते हैं. उनका स्वागत है. उन्होंने आगे कहा कि हम शिवसेना के साथ खड़े रहेंगे. अपने लोगों के लिए काम करते रहेंगे. आदित्य ने आगे दोहराया कि वे बागी विधायकों के संपर्क में हैं. उद्धव ठाकरे केवल लोगों की सेवा करना चाहते हैं.

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आदित्य ठाकरे ने कहा कि यह राजनीति नहीं, सर्कसबाजी है. जो भाग के जाते हैं वो कभी जीतते नहीं. उन्होंने आगे कहा कि एक समय बागी विधायकों को मुंबई आना ही पड़ेगा. इससे पहले रविवार को भी आदित्य ठाकरे का बयान सामने आया था. आदित्य ने युवा सेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए कहा था कि हमारी असली ताकत शिव सैनिक हैं. परसों तक जो मेरी गाड़ी में बैठे थे, वो भी जा चुके हैं.

उन्होंने आगे कहा था कि उद्धव ठाकरे बीमार हैं और ऐसे समय यह परिस्थिति हमारे ऊपर आई है. आज बाला साहब ठाकरे या आनंद दिघे होते और उनके सामने यह सब होता तो वह बागियों को अपनी भाषा में समझाते. उन्होंने आगे कहा था कि मुझे दिलवाले फिल्म का एक डायलॉग याद आ रहा है. डायलॉग है 'हम शरीफ क्या हुए और सारी दुनिया बदमाश हो गई'.

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आदित्य ने रविवार को युवा सेना के कार्यकर्ताओं से कहा कि मैं तो सड़क पर उतर ही रहा हूं, लेकिन आप भी घर-घर जाकर बागियों की सच्चाई लोगों तक पहुंचाइए. आदित्य ठाकरे ने आगे कहा था कि आज हिम्मत से यह सारी नई पीढ़ी यहां आई है. मैं आप लोगों के साथ हूं. जितना प्यार और विश्वास उन लोगों पर किया था उतना किसी पर नहीं किया, जो विभाग पिछले 50 सालों से किसी मुख्यमंत्री ने नहीं छोड़ा, वह विभाग उन्हें दिया गया. फिर भी उन्होंने बोलने की हिम्मत नहीं की और सूरत जाकर बगावत की.

आदित्य ठाकरे ने आगे कहा था कि मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि प्रकाश सुर्वे जैसा आदमी जा सकता है. जिन-जिन लोगों को मैंने फंड दिया है. हालांकि, मैंने उन पर कोई उपकार नहीं किया, लेकिन ऐसे लोगों के साथ हमें लड़ना पड़ेगा. उन्होंने पिछली बगावतों को याद करते हुए कहा था कि पिछली बार की 2 बगावत याद आ रही हैं, उसमें से एक तो बाला साहब ठाकरे ने वहीं खत्म कर दी थी और दूसरी बगावत खत्म करने में हमें एक से डेढ़ साल लगे थे.

आदित्य ठाकरे ने आगे कहा था कि जब मच्छर घर आते हैं, तब पता नहीं चलता कहां से आ रहे हैं. तब हम गुड नाइट लगाते हैं, लेकिन अगर यह शेर होते तो भागते नहीं. मैं आज भी चैलेंज दे रहा हूं, मैं जानता हूं कि 15 से 16 लोग ऐसे हैं, जो वहां तकलीफ में है. जिन्हें किडनैप किया गया है. कल का वीडियो देखा कि दो नेताओं को गला पकड़कर घसीट कर ले जाया जा रहा है. हर बाथरूम में पुलिस वाले और सीआरपीएफ वाले लगाए गए हैं. उन्हें लगा कि जैसी इज्जत हम यहां करते थे, वैसी ही इज्जत वहां मिलेगी. लेकिन जो लोग वहां गए, वहां जाकर वह कैदी बन गए.

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