
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे और शिवसेना (UBT) विधायक आदित्य ठाकरे ने हाल ही में मुख्यमंत्री और उद्योगमंत्री के दावोस दौरे पर कड़ी टिप्पणी की है. प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए उन्होंने इस दौरे के दौरान किए गए 54 एमओयू पर सवाल उठाए, जिनमें से 11 विदेशी कंपनियों के साथ और 43 महाराष्ट्र की कंपनियों के साथ थे. ठाकरे ने पूछा कि जब इतनी बड़ी संख्या में महाराष्ट्र की कंपनियों के साथ एमओयू हुए हैं तो इन्हें 'मॅग्नेटिक महाराष्ट्र' पहल के तहत पहले क्यों नहीं किया गया?
उन्होंने कहा कि दुनियाभर से कंपनिया और बड़े उद्यमी आते हैं. उनसे मिलने का मौका मिलता है. हम भी गए थे. जब हमारी सरकार थी. लेकीन जिस तरीके से महाराष्ट्र के अधिकारियों ने सीएम का प्रोग्राम डिजाइन किया, वह इस तरीके से था कि महाराष्ट्र की कंपनियां और लोगों के साथ ही उनका वक्त जाया हो. 4 लाख करोड़ के MOU नगर विकास विभाग और सिडको ने किए हैं. यह दोनों विभाग एकनाथ शिंदे के पास हैं. लेकीन वह महाराष्ट्र के दरे गांव में बैठे थे. और बाकी लोग वहां पर एमओयू कर रहे हैं.
आदित्य ठाकरे ने आगे कहा कि हमें लगता है कि नगर विकास मंत्री पर अन्याय हुआ है और वह उनके चेहरे पर दिख रहा है. नगर विकास विभाग के सारे अधिकारियों को लेकर गए फिर एकनाथ शिंदे को क्यों नहीं लेकर गए, हमें नहीं पता. उन्हें पास मिला था, या नहीं मिला था. इसकी जानकारी नहीं है. और एक चीज सामने आई है कि बड़े पैमाने पर बिल्डर्स के साथ एमओयू किए गए हैं. अब बिल्डर्स ने पहले से जगह खरीद ली है. काम शुरू होने वाला है, फिर इन्ंहे वहां पर लेकर जाकर एमओयू करने का क्या मतलब है?
उन्होंने कहा कि सीमीटोमो जपान की कंपनी है, उन्होंने 6 हजार करोड़ का निवेश पहले से किया है. बीकेसी में सेंटर खड़ा होने वाला है. फिर इसका क्या मतलब है? हिरानंदानी ग्रुप बिल्डर्स का ग्रुप है. उनके साथ मेट्रो, रोड, प्रोजेक्ट डेव्हलपमेंट का एमओयू किया है. जहां पर बिल्डर्स इमारत खड़ी करने वाले हैं, उसमे क्या एमओयू करना? के रहेजा ग्रुप के साथ भी वही किया, रेसिडेन्शियल, कमर्शिअल, ग्लोबल कपॅबिलिटी सेंटर खड़ा होगा. अब इन रियल इस्टेट ग्रुप के साथ एमओयू करने का कोई मतलब है?
ठाकरे ने कहा कि जो उद्योगमंत्री हैं, वह पहले दिन के बाद कभी भी मुख्यमंत्री के साथ कहीं पर दिख रहे हैं क्या? ट्विटर टाइमलाइन देखें. वह कोई भी फोटो में नहीं दिख रहे हैं. वह पहले दिन भी लेट पहुंचे जबकि प्रोटोकॉल के हिसाब से सीएम से पहले पहुंचना जरूरी है. और दूसरे दिन वापस आए. शायद एकनाथ शिंदे नाराज थे, इसलिए उन्हें दावोस से वापस बुला लिया गया. उद्योगमंत्री का ऐसा क्या कार्यक्रम था कि 4 दिन वह मुख्यमंत्री के साथ नहीं रुक सके.