Advertisement

दलितों के बाद मराठा संगठन सड़कों पर, सांगली में की रैली

भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में संभाजी भिड़े गुरूजी और मिलिंद एकबोटे के खिलाफ पिंपरी पुलिस स्टेशन में एट्रासिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. 

संभाजी के समर्थन में उनके समर्थकों ने की रैली. संभाजी के समर्थन में उनके समर्थकों ने की रैली.
आदित्य बिड़वई
  • सांगली ,
  • 04 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 3:09 PM IST

भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा के खिलाफ दलितों के बाद अब हिंदुत्ववादी संगठन भी सड़कों पर उतर आए हैं. गुरुवार को महाराष्ट्र के सांगली जिले में शिव प्रतिष्ठान के प्रमुख संभाजी भिड़े के समर्थन में बड़ी रैली निकाली गई.

समर्थकों ने मांग की है कि भीमा कोरेगांव हिंसा के बाद संभाजी भिड़े गुरूजी पर दाखिल मामले वापस हों. क्योंकि इस घटना से उनका कोई भी संबंध नहीं है. उन्हें झूठे आरोपों में फंसाया जा रहा है.

Advertisement

समर्थकों का कहना है कि संभाजी गुरूजी निर्दोष है. मुख्य आरोपी तो प्रकाश अंबेडकर हैं. उनकी जांच होनी चाहिए. उन्होंने महाराष्ट्र बंद करके पूरे राज्य में हिंसा फैलाई है. जिसके नुकसान की भरपाई भी उनसे करवाई जाए.  

बता दें कि भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में संभाजी भिड़े गुरूजी और मिलिंद एकबोटे के खिलाफ पिंपरी पुलिस स्टेशन में एट्रासिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है.  

मालूम हो कि भारिप-बहुजन महासंघ के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने यह आरोप लगाया था कि शिव प्रतिष्ठान और हिंदू एकता आघाडी के कार्यकर्ताओं ने भीमा कोरेगांव विजयस्तंभ के लिए निकले जुलूस पर पत्थर बाजी की. जिससे हिंसा की शुरुआत हुई. उन्होंने कहा था कि हिंसा के वक्त हम स्पॉट पर थे और हमें पता है कि इसके पीछे किसका हाथ है. हमने सरकार को नाम दे दिया है, अब उनका काम है कि कार्रवाई करें.

Advertisement

प्रकाश अंबेडकर ने आगे कहा कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो हम आंदोलन करेंगे. हमने ऊना की वारदात सही, कब तक ऐसे और सहते रहेंगे? अगर हमने भीड़ को कंट्रोल नहीं किया होता तो कम से कम 500 हिंदू संस्था के लोगों की लाश होती. अगर बंद का आह्रवान नहीं किया होता आग और भड़कती.

क्या हुआ था भीमा कोरेगांव में?

महाराष्ट्र के पुणे में 200 साल पुराने युद्ध की बरसी को लेकर जातीय संघर्ष छिड़ा, जो पूरे महाराष्ट्र में फैल गया. कई शहरों में हिंसक घटनाएं हुई. भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में पुलिस ने संभाजी भिड़े गुरुजी और मिलिंद एकबोटे के खिलाफ एट्रासिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है.

जातीय संघर्ष के बाद दलित संगठनों ने महाराष्ट्र बंद कर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की थी. बंद के दौरान भी मुंबई समेत महाराष्ट्र के 13 जिलों में हिंसक घटनाएं और तोड़फोड़ की घटनाएं हुई.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement