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शरद पवार को बताया था कि नहीं चलेगी कांग्रेस-शिवसेना संग सरकार: अजित पवार

महाराष्ट्र में सरकार बनाने के बाद अजित पवार ने कहा कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस में एक महीने से बातचीत चल रही थी, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. तीन दल मिलकर स्थिर सरकार नहीं दे सकते इसलिए महाराष्ट्र की जनता को स्थिर और स्थाई सरकार देने के लिए बीजेपी के समर्थन का फैसला किया.

अजित पवार और शरद पवार (फाइल फोटो-PTI) अजित पवार और शरद पवार (फाइल फोटो-PTI)
पॉलोमी साहा
  • मुंबई,
  • 23 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 12:27 PM IST

  • स्थाई सरकार देने के लिए बीजेपी के समर्थन का फैसला किया
  • मैंने शरद पवार बताया था नहीं चलेगी स्थायी सरकार-शरद पवार

महाराष्ट्र में सरकार बनाने के बाद अजित पवार ने कहा कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस में एक महीने से बातचीत चल रही थी लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. तीन दल मिलकर स्थिर सरकार नहीं दे सकते इसलिए महाराष्ट्र की जनता को स्थिर और स्थाई सरकार देने के लिए बीजेपी के समर्थन का फैसला किया. अजित पवार ने कहा कि मैंने शरद पवार को सरकार के स्थायित्य को लेकर सब कुछ पहले ही बता दिया था.

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दरअसल, अजित पवार से कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी के गठबंधन पर सवाल किया गया था. इस पर अजित पवार ने कहा कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस में एक महीने से बातचीत चल रही थी लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. तीन दल मिलकर स्थिर सरकार नहीं दे सकत. अजित ने कहा कि मैंने उन्हें (शरद पवार को) यह सब कुछ शुरू में बताया था, हालांकि बाद में कुछ नहीं बताया. मैं उनसे कहूंगा कि हमें एक स्थिर सरकार के पक्ष में फैसला लेना चाहिए. लोगों ने किसी एक पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं दिया. दो या तीन दलों के एक साथ आने के बिना, इसका कोई समाधान नहीं होगा. आखिरकार, यह सबसे अच्छा है अगर दो एक साथ आते हैं, क्योंकि पहले यह कांग्रेस-एनसीपी थी, इससे पहले भाजपा-शिवसेना और हाल ही में बीजेपी-शिवसेना फिर से. इसलिए हमने अब यह निर्णय लिया है.

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बता दें कि महाराष्ट्र की सियासत में बड़ा राजनीतिक उलटफेर हुआ है. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के सीएम बनने के अरमानों पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने पानी फेर दिया है. अजित पवार ने एनसीपी को तोड़कर नया सियासी गेम बनाया है. देवेंद्र फडणवीस एक बार फिर सीएम बने हैं और अजित पवार ने डिप्टी सीएम के पद की शपथ ली है.

महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस मिलकर सरकार बनाने के लिए मंथन कर रही थी. सरकार बनाने का फॉर्मूला भी तीनों के बीच तय हो गया था. माना जा रहा था कि शनिवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से तीनों दल मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे. इन सबके बीच किंगमेकर बनकर उभरे शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने रातोरात ऐसा सियासी गेम किया कि महाराष्ट्र की सियासी गेम ही पलट गया.

अजित पवार एनसीपी विधायक दल के नेता हैं. ऐसे में विधायक दलों के हस्ताक्षर वाला समर्थन पत्र भी उन्हीं के पास था. ऐसे में उन्होंने शरद पवार सहित तमाम एनसीपी नेताओं को पीछे छोड़ते हुए बीजेपी को समर्थन देने का फैसला किया है.  बता दें कि आधिकारिक तौर पर विधायक दल के नेता का समर्थन पत्र ही मान्य होता है.

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