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अजित पवार खेमे को कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार पर भरोसा, सौंपी विधानसभा चुनाव की रणनीति बनाने की जिम्मेदारी

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर अजित पवार खेमे ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. पार्टी ने सोमवार को बड़ा फैसला लिया और कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार रहे नरेश अरोड़ा को इलेक्शन कैंपेन की रणनीति बनाने की जिम्मेदारी सौंप दी है. नरेश कुमार राजनीतिक अभियान प्रबंधन कंपनी डिजाइन बॉक्स्ड डॉट कॉम के सह-संस्थापक भी हैं.

अजित पवार. अजित पवार.
ऋत्विक भालेकर
  • मुंबई,
  • 09 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 2:27 PM IST

महाराष्ट्र में आगामी विधान परिषद (एमएलसी) और फिर तीन महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है. सोमवार को बजट सत्र के बीच अजित पवार खेमे ने सभी विधायकों की मौजूदगी में एक बैठक की और चुनाव पर चर्चा की. दिलचस्प बात यह है कि अजित पवार खेमे ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए नरेश अरोड़ा को चुनावी रणनीतिकार के रूप में नियुक्त किया है. 

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नरेश अरोड़ा पॉलिटिकल कैंपेन मैनेजमेंट कंपनी design boxed.com के को-फाउंडर भी हैं. उन्होंने राजस्थान और कर्नाटक समेत कई राज्यों में कांग्रेस के इलेक्शन कैंपेन का मैनेजमेंट किया है. बैठक में नरेश अरोड़ा ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी की ब्रांडिंग और रणनीतियों के बारे में प्रजेंटेशन दिया और अजित खेमे के विधायकों को संबोधित किया.

विधायकों को सलाह, जनता को खूबियां बताएं

सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने वित्त मंत्री अजित पवार द्वारा प्रस्तुत बजट में सरकार द्वारा घोषित सभी लोकप्रिय योजनाओं का प्रचार करने की रणनीति बनाई है और वोटर्स तक पहुंचने के लिए '90 दिन' की योजना बनाई है. संगठन ने तय किया है कि अजित पवार को पार्टी के नेता के रूप में ब्रांडिंग और मेक-ओवर पर भी काम किया जाएगा, जिसमें प्रशासन पर उनकी पकड़, अपने शब्दों पर कायम रहना, अपने सभी वादों को पूरा करना, पार्टी कैडर के लिए उपलब्ध रहना और पार्टी के लिए काम करना जैसी उनकी खूबियों के बारे में बताया जाएगा. विधायकों से कहा गया कि वे विपक्ष के किसी भी फर्जी बयान के जाल में ना फंसें. इसके बजाय योजनाओं को जमीन पर पहुंचाने और बढ़ावा देने और सिर्फ विकास के एजेंडे पर ध्यान केंद्रित करने की दिशा में काम करें.

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इस बैठक में उपमुख्यमंत्री और एनसीपी प्रमुख अजित पवार, कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल, प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे, छगन भुजबल, रामराजे निंबालकर, हसन मुश्रीफ, दिलीप वालसे पाटिल जैसे अन्य वरिष्ठ नेता उपस्थिति रहे.

महाराष्ट्र में एनडीए का हिस्सा है एनसीपी

बता दें कि अजित पवार की एनसीपी महाराष्ट्र में एनडीए सरकार का हिस्सा है. शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री हैं. जबकि बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस और एनसीपी प्रमुख अजित पवार डिप्टी सीएम हैं. फडणवीस के पास गृह मंत्रालय और अजित के पास वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी है. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में एनडीए ने महाराष्ट्र में 48 में से सिर्फ 17 सीटों पर जीत हासिल की है. जबकि इंडिया ब्लॉक में शामिल कांग्रेस ने 13, उद्धव गुट ने 9, शरद पवार गुट ने 8 सीटें जीती हैं. एक निर्दलीय चुनाव जीता है.

अजित गुट को 41 विधायकों का समर्थन

288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में एनसीपी दोनों गुटों के 53 विधायक हैं. जुलाई 2023 में अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार से बगावत की और एनडीए सरकार में शामिल हो गए थे. अजित के साथ 8 विधायकों ने मंत्रिपद की शपथ ली थी. अजित कैंप का दावा है कि उनके पास 41 विधायकों का समर्थन है. जबकि शरद पवार गुट को 12 विधायकों का समर्थन प्राप्त है.

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2023 में बंट गई थी एनसीपी

जुलाई 2023 से दोनों नेताओं के बीच गुटबाजी चल रही है. चुनाव आयोग ने अजित पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी गुट को 'असली' घोषित किया है. इसका मतलब यह हुआ कि अजित को पार्टी का नाम और घड़ी का चुनाव चिन्ह मिल गया. चुनाव आयोग के फैसले के बाद शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट को नया नाम 'राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार' मिला है.

वहीं, सोमवार को चुनाव आयोग ने आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार को चंदा स्वीकार करने की अनुमति दी है. शरद खेमे ने चुनाव आयोग से जनता से स्वैच्छिक योगदान स्वीकार करने के लिए पार्टी की स्थिति को प्रमाणित करने का अनुरोध किया था.

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