
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार ने मंगलवार को कहा कि पुरानी पेंशन योजना (OPS) के मुद्दे पर राज्य सरकार का रुख 'सकारात्मक' है. उन्होंने कहा कि मैंने अन्य राज्य सरकारों से जानकारी मांगी है जिन्होंने ओपीएस को वापस लाने का फैसला किया है. हम अगले विधानसभा चुनाव से पहले इस पर निर्णय लेंगे. अजित पवार ने कहा कि उन्होंने भी ओपीएस के बारे में अपना नजरिया बदल लिया है.
उन्होंने महाराष्ट्र विधान परिषद को बताया कि सुबोध कुमार, केपी बख्शी और सुधीर श्रीवास्तव की एक समिति ने राज्य सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी है. इससे पहले, पत्रकारों से बात करते हुए, अजित पवार ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मैंने पहले ही पुरानी पेंशन योजना के मुद्दे पर प्राथमिक चर्चा कर ली है. बता दें कि महाराष्ट्र में सरकारी और अर्ध-सरकारी कर्मचारी ओपीएस की बहाली की मांग कर रहे हैं, जिसे 2005 में बंद कर दिया गया था.
ओपीएस और एनपीएस में क्या अंतर?
ओपीएस के तहत सरकारी कर्मचारी को उसके अंतिम प्राप्त वेतन के 50 प्रतिशत के बराबर मासिक पेंशन मिलती थी. कर्मचारियों द्वारा अंशदान की कोई आवश्यकता नहीं थी. नई पेंशन योजना के तहत, एक राज्य सरकार का कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत अंशदान देता है और राज्य भी उतना ही योगदान देता है. फिर कर्मचारी का पैसा पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) द्वारा अप्रूव्ड कई पेंशन फंडों में से किसी एक में निवेश किया जाता है और इस पर मिलने वाला रिटर्न मार्केट से जुड़ा होता है.
अजित पवार ने कहा, 'देवेंद्र फडणवीस ने ओपीएस के प्रति अपना विरोध जताया था, अतीत में जब मैं राज्य का वित्त मंत्री था तो मैंने भी एक सत्र के दौरान ऐसी ही बातें कही थीं. हालांकि मेरी जानकारी के अनुसार, केंद्र इस लंबित मुद्दे को हल करने के बारे में सोच रहा है जिससे लोगों को आर्थिक रूप से लाभ होगा. केंद्र सरकार लोकसभा चुनाव से पहले इस मुद्दे पर गंभीरता से काम कर रही है'. उन्होंने कहा कि पात्र लोगों को वर्ष 2021 से (अगर ओपीएस लागू होता है तो एरियर) वित्तीय लाभ मिलेगा.
'मैं से आराम करने को कह रहा, वह मेरी नहीं सुन रहे'
यह पूछे जाने पर कि क्या राज्य में एमएलसी चुनावों (इस साल की शुरुआत में हुए जिसमें विपक्षी एमवीए ने 5 में से 3 सीटें जीतीं) में भाजपा को झटका लगने के बाद ओपीएस को लेकर उसके रुख में बदलाव आया है, अजित पवार ने कहा, 'बेशक, यह महत्वपूर्ण कारणों में से एक है'. अजित पवार ने कहा, आजकल युवा पीढ़ी के लोग अपने माता-पिता की देखभाल नहीं करते हैं. माता-पिता को अपने सेवानिवृत्ति के बाद के जीवन के लिए वित्तीय व्यवस्था करने की आवश्यकता होती है क्योंकि बच्चे विदेश जाते हैं, वहां बसते हैं और जीवन का आनंद लेते हैं. यह पूछे जाने पर कि वह अपने 83 वर्षीय चाचा (राकांपा अध्यक्ष शरद पवार) की देखभाल क्यों नहीं कर रहे हैं? अजीत पवार ने कहा, 'बिल्कुल, मेरा भी यही कहना है, मैं उनसे आराम करने के लिए कह रहा हूं लेकिन वह मेरी बात नहीं सुन रहे.'