
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में आलोचना के बाद अजित पवार ने आगामी विधानसभा चुनाव में अपने दम पर लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. अजित पवार ने महिलाओं, युवाओं, किसानों और अल्पसंख्यकों को लाभ पहुंचाने वाली कई योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए आउटरीच कैंपेन 'जन सम्मान यात्रा' की घोषणा की है. साथ ही उनकी पार्टी की इच्छा है कि अजित पवार महाराष्ट्र के नीतीश कुमार बनें ताकि कोई भी गठबंधन उनके बिना राज्य में सरकार न बना सके.
एनसीपी (अजित पवार) के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद सुनील तटकरे ने बताया कि पार्टी आठ अगस्त को नासिक से 31 अगस्त तक यात्रा का पहला चरण शुरू होगा. जन सम्मान यात्रा पश्चिमी महाराष्ट्र, विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्र को कवर करते हुए 22 अगस्त को मुंबई पहुंचेगी.
80-90 सीटों पर चुनाव लड़ने का है लक्ष्य : NCP (AP)
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, एनसीपी अजित गुट हर हाल में 50 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य तय कर 80 से 90 सीटों पर चुनाव लड़ने का लक्ष्य बना रहा है. इससे अजित पवार को विधानसभा चुनाव 2024 के बाद राज्य में सरकार गठन के दौरान किंगमेकर की स्थिति में रहने में मदद मिलेगी.
क्या चाहते हैं पार्टी नेता
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर आजतक को बताया कि पार्टी चाहती है कि अजित पवार महाराष्ट्र के नीतीश कुमार बनें, ताकि कोई भी गठबंधन उनके समर्थन के बिना राज्य में सरकार न बना सके.
अजित पवार एनडीए के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन का हिस्सा होने के बावजूद कट्टर हिंदुत्व की राजनीति के लिए अपवाद साबित हो रहे हैं. उन्होंने हाल ही में कोल्हापुर के पास विशालगढ़ का दौरा किया, जहां एक दक्षिणपंथी संगठन के हमले और अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में तोड़फोड़ के बाद हिंसा भड़क उठी थी. साथ ही अजित पवार गुट के कई नेताओं ने अपनी पार्टी की बैठकों में ध्रुवीकरण की राजनीति का जमकर विरोध किया था.
'मुस्लिम आरक्षण के पक्ष में उठाई आवाज'
अजित पवार ने बिहार में नीतीश कुमार की तरह ही मुस्लिम आरक्षण के पक्ष में आवाज उठाई है. अजीत पवार ने अल्पसंख्यक छात्रों की छात्रवृत्ति और अल्पसंख्यक विकास निगम के आधुनिकीकरण पर केंद्रित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं पर भी जोर दिया. हालांकि, एनसीपी शरद पवार गुट के प्रवक्ता महेश तापसे ने कहा कि जिनके लिए लोगों के दिलों में सम्मान नहीं है. वे जन सम्मान यात्रा निकाल रहे हैं. ऐसी रैलियों को सम्मान नहीं मिलेगा और वे जल्द ही विपक्षी बेंच पर नजर आएंगे.
'आउटरीच कैंपेन से होगा महायुति को फायदा'
इस बीच बीजेपी नेता और एमएलसी प्रवीण दरेकर ने कहा कि अजित पवार हमारे सहयोगी हैं और अगर वह रैलियां निकाल रहे हैं तो यह अच्छा है. अगर आउटरीच कैंपेन के कारण उनकी सीटें बढ़ती हैं तो इससे हमें फायदा होगा.
महायुति गठबंधन में अजित पवार ने लोकसभा चुनाव में लड़ी गई चार सीटों में से एक सीट जीती है. वह शरद पवार खेमे की चचेरी बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ बारामती हार गए. इस परिदृश्य में अजीत पवार को आगामी विधानसभा चुनावों में अपनी झोली में अधिक से अधिक सीटें लाकर अपनी ताकत साबित करनी होगी. इस प्रकार वह अपने पारंपरिक अल्पसंख्यक मतदाताओं को लुभाने के लिए सीट वितरण में सौदेबाजी और सहयोगी दलों के साथ वैचारिक मतभेद भी उजागर कर रहे हैं.