
महाराष्ट्र के अकोला (Akola) के मलसूर गांव में भक्त आज भी पुरानी अनोखी तरह की परंपरा को निभा रहे हैं. यहां भक्त आग से दहकते अंगारों पर चलते हैं. लोगों का मानना है कि इस अनुष्ठान से उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस परंपरा में महिलाएं भी शामिल होती हैं.
जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र के अकोला के पातुर तालुका के मलसूर गांव में सोपिनाथ मंदिर है. यहां अंगारों पर चलने की परंपरा ऐसी है, जिसे देखकर हैरानी होती है. इस गांव में सोपिनाथ महाराज के प्राचीन मंदिर पर काफी संख्या में लोग पूजा-अर्चना करने पहुंचते हैं. यहां यात्रा भी निकाली जाती है. यात्रा के दिन सोपीनाथ महाराज के मंदिर परिसर में भक्त अंगारों पर चलने की परंपरा निभाते हैं.
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भक्तों का कहना है कि यात्रा के दिन 'भगवान की शादी' का उत्सव मनाया जाता है. इसी को लेकर मलसूर गांव में भक्तों को 'अग्नि परीक्षा' से गुजरना पड़ता है. यहां के लोगों का मानना है कि अंगारों पर चलने से भगवान से की गई मन्नत पूरी होती है.
यहां कोयले के धधकते गर्म अंगारों पर भक्त नंगे पैर चलते हैं. इसे लोग अग्निपरीक्षा कहते हैं. यह अग्निपरीक्षा मलसूर गांव में हर साल होती है. गांव में माघ महीने में सोपिनाथ की यात्रा होती है. इस यात्रा में भगवान का विवाह होता है. विवाह के बाद भक्त मंदिर में एक कुंड में गर्म अंगारे सुलगाते हैं और फिर उन पर नंगे पैर चलते हैं.
क्या बोले संस्थान के ट्रस्टी?
सोपिनाथ महाराज संस्थान के ट्रस्टी दिलीप पाटिल ने कहा कि भक्तगण सोपिनाथ महाराज को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं. पति-पत्नी साथ पहुंचकर मन्नत मांगते हैं. मन्नत पूरी होने के बाद सोपिनाथ के प्रति आभार प्रकट करने के लिए दंपत्ति अंगारों पर चलते हैं. इस दिन गांव की महिलाएं भी आती हैं.