
नगालैंड में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सभी सात विधायकों और पार्टी के पदाधिकारियों ने संगठन के अजित पवार गुट को अपना समर्थन दिया है. राकांपा (अजित पवार गुट) के राष्ट्रीय प्रवक्ता ब्रजमोहन श्रीवास्तव ने कहा, 'नगालैंड इकाई के अध्यक्ष वानथुंग ओडियो नई दिल्ली आए और राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष सुनील तटकरे से मुलाकात की.'
श्रीवास्तव ने कहा, 'उन्होंने हमें नगालैंड राकांपा के फैसले (अजित पवार खेमे को समर्थन देने) के बारे में बताया. ओडियो ने सात विधायकों सहित सभी पदाधिकारियों के समर्थन के शपथ पत्र सौंपे.'
राकांपा के एक बयान के अनुसार, पटेल ने ओडियो को आश्वासन दिया कि वह 24 साल पुरानी पार्टी को मजबूत करने के उनके प्रयासों में उनका समर्थन करेंगे.
वानथुंग ओडियो ने कहा कि उनके पास समर्थन के लिए आवश्यक सभी कागजात हैं और उन्होंने इसे आलाकमान को सौंप दिया है. इस महीने की शुरुआत में एनसीपी के अजीत पवार ने आठ एनसीपी विधायकों के साथ भाजपा-शिवसेना से हाथ मिला लिया.
इस कदम से अजित पवार ने चाचा शरद पवार द्वारा स्थापित पार्टी को विभाजित कर दिया और 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले महाराष्ट्र के राजनीतिक समीकरण बदल दिए.
एक तरफ अजित पवार ने प्रफुल्ल पटेल, छगन भुजबल और दिलीप वलसे पाटिल जैसे एनसीपी नेताओं से समर्थन हासिल किया है और अपने गुट को 'असली एनसीपी' होने का दावा किया है, वहीं शरद पवार ने भी 'पार्टी विरोधी गतिविधियों' के लिए कई नेताओं को निष्कासित करके खुद को पार्टी का बॉस होने का दावा किया है.
अजित पवार का यह कदम उसी तरह है जैसे एकनाथ शिंदे ने पिछले साल अविभाजित शिवसेना को विभाजित किया था और भाजपा से हाथ मिला लिया था, जिससे उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार सत्ता से बाहर हो गई.