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मुंबई के अधिकतर सेंटर्स पर वैक्सीन आउट ऑफ स्टॉक, वरिष्ठ नागरिक हो रहे परेशान

कोरोना संकट के बीच महाराष्ट्र के मुंबई में एकबार फिर कोरोना वैक्सीनेशन सेंटर बंद हो गए हैं. मुंबई के बीकेसी वैक्सीनेशन सेंटर पर वैक्सीन खत्म होने की वजह से आज यह टीकाकरण केंद्र बंद रहेगा.

देश के कई राज्यों में वैक्सीन की कमी के मामले सामने आए हैं. (सांकेतिक तस्वीर) देश के कई राज्यों में वैक्सीन की कमी के मामले सामने आए हैं. (सांकेतिक तस्वीर)
मुस्तफा शेख/सौरभ वक्तानिया
  • मुंबई,
  • 25 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 2:24 PM IST
  • मुंबई के 73 वैक्सीनेशन सेंटर्स में से रविवार को सिर्फ 37 सक्रिय 
  • मुंबई में कोरोना के मामले बेकाबू

कोरोना संकट के बीच महाराष्ट्र के मुंबई में एकबार फिर कोरोना वैक्सीनेशन सेंटर बंद हो गए हैं. मुंबई के बीकेसी वैक्सीनेशन सेंटर पर वैक्सीन खत्म होने की वजह से आज यह टीकाकरण केंद्र बंद रहेगा. मुंबई में अधिकतर वैक्सीनेशन सेंटर्स पर वैक्सीन का स्टॉक नहीं है. बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) का दावा है कि उन्हें पर्याप्त स्टॉक मुहैया नहीं कराया जा रहा. मुंबई के 73 वैक्सीनेशन सेंटर्स में से रविवार को सिर्फ 37 सक्रिय हैं. वरिष्ठ नागरिकों को इसकी वजह से सबसे अधिक भुगतना पड़ रहा है.  

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जो वैक्सीन सेंटर्स सक्रिय भी हैं वहां भी सीमित स्टॉक ही बचा है. ऐसे में वरिष्ठ नागरिकों की दिक्कत को समझा जा सकता है. दरअसल, वैक्सीन सेंटर पर वैक्सीन लगवाने के लिए पहले लोगों को रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है.  

अधिकतर वरिष्ठ नागरिक अब वैक्सीन की दूसरी डोज के लिए पहुंच रहे हैं. स्टॉक की कमी की वजह से उन्हें बिना वैक्सीन लगाए लौटना पड़ रहा है. कई वरिष्ठ नागरिक तो लंबी दूरी तय करके वैक्सीन सेंटर्स तक पहुंचे. ऐसे में उनकी नाराजगी को समझा जा सकता है. उनका कहना है कि अधिकारियों को उन्हें इस बारे में पहले से ही सूचना देनी चाहिए. इसके लिए हर दिन किस सेंटर पर कितनी वैक्सीन की उपलब्धता है, उसके बारे में डिटेल्स ऑनलाइन उपलब्ध कराई जानी चाहिए. 

मुंबई के सबसे बड़े बीकेसी वैक्सीनेशन सेंटर पर लोगों को अधिकारियों और पुलिसवालों से तर्क करते देखा गया. शहर में रविवार को कई वैक्सीनेशन सेंटर्स पर वैक्सीन लगाने का काम नहीं हो रहा था.  

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इसके अलावा एक और मुद्दा है जिस पर कई वरिष्ठ नागरिक नाखुशी जता रहे हैं, वो है प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीन की कीमत का अधिक होना. उनका कहना है कि सरकारी सेंटर्स पर वैक्सीन का स्टॉक नहीं है और प्राइवेट में वैक्सीन की कीमत उनकी पहुंच से बाहर है. 

वरिष्ठ नागरिक वैशाली चावला पवई में रहती हैं. उनका कहना है, मैं किडनी की मरीज हूं. मेरे पति डोनर है. हम वैक्सीन की पहली डोज ले चुके हैं. आज दूसरी डोज के लिए हम कई वैक्सीन सेंटर्स में गए लेकिन हर जगह से खाली लौटना पड़ा. मेरी हालत ऐसी नहीं कि मैं अधिक देर तक बाहर रह सकूं.   

एक और वरिष्ठ नागरिक राहुल मेहता ने कहा, “मेरी मां की उम्र 86 साल है. मैं वैक्सीनेशन सेंटर्स में गया लेकिन वैक्सीन नहीं मिली. हमने खुद को रजिस्टर्ड करा रखा है लेकिन फिर भी वैक्सीन नहीं लगवा पा रहे. मुझे अपनी बूढ़ी मां को लेकर कितनी जगहों पर भटकना पड़ेगा.” 

बांद्रा के रहने वाले वरिष्ठ नागरिक विलास पाटिल का अनुभव भी कुछ ऐसा रहा. उन्होंने बताया, सुबह मैंने वैक्सीनेशन सेंटर पर फोन किया तो उन्होंने बताया कि वैक्सीन उपलब्ध है. लेकिन जब मैं सेंटर पहुंचा तो वहां वैक्सीन आउट ऑफ स्टॉक हो चुकी थी. वरिष्ठ नागरिकों को इस तरह परेशान नहीं होने देना चाहिए. 

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